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कृषि उत्पादन मंडी समिति में सचिव से लेकर बाबू तक मिले गायब

कृषि उत्पादन मंडी समिति अहरौरा की हालत दयनीय बनी हुई है। मंगलवार को सचिव से लेकर बाबू तक मंडी समिति से नदारद नजर आए। दोपहर साढ़े बारह बजे का आलम यह रहा कि मंडी समिति में सचिव की कुर्सी खाली रही वहीं दो वर्षों से सेवानिवृत्त चल रहे लेखाकार कामकाज करते हुए नजर आए। मंडी समिति में लेखाकार सहायक निरीक्षक मंडी निरीक्षक चपरासी और चौकीदार के कई पद वर्षों से खाली चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 11:49 PM (IST)
कृषि उत्पादन मंडी समिति में सचिव से लेकर बाबू तक मिले गायब
कृषि उत्पादन मंडी समिति में सचिव से लेकर बाबू तक मिले गायब

जागरण संवाददाता, अहरौरा (मीरजापुर) : कृषि उत्पादन मंडी समिति अहरौरा की हालत दयनीय बनी हुई है। मंगलवार को सचिव से लेकर बाबू तक मंडी समिति से नदारद नजर आए। दोपहर साढ़े बारह बजे का आलम यह रहा कि मंडी समिति में सचिव की कुर्सी खाली रही, वहीं दो वर्षों से सेवानिवृत्त चल रहे लेखाकार कामकाज करते हुए नजर आए। मंडी समिति में लेखाकार, सहायक निरीक्षक, मंडी निरीक्षक, चपरासी और चौकीदार के कई पद वर्षों से खाली चल रहे हैं।

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विध्याचल मंडल के पांच मंडी समितियों में अहरौरा मंडी को सी श्रेणी में रखा गया है। नगर के पट्टी कला में स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति से कई प्रदेश से सब्जियों का आयात और निर्यात किया जाता है। यहां से मिर्च, टमाटर और गोभी का निर्यात बिहार और पश्चिम बंगाल में अधिकांश रूप से होता है। वहीं आलू फर्रुखाबाद, कानपुर और कन्नौज से आलू का आयात होता है। अंतर प्रांतीय सब्जी मंडी होने के बावजूद यहां की स्थिति भगवान भरोसे ही है। मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर आफिस में मंडी सचिव की कुर्सी खाली पड़ी नजर आईं। वही मंडी निरीक्षक भी मौके पर नहीं मिले। उनके बारे में बताया गया कि वे किसी कार्य से कार्यालय मीरजापुर गए हैं। मंडी समिति के कार्यालय में सेवानिवृत्त लेखाकार जयशंकर दुबे और मंडी सहायक सुधाकर सिंह कार्य करते हुए नजर आए। जानकारी करने पर पता चला कि लगभग दो वर्ष पूर्व जयशंकर दुबे सेवानिवृत्त हो गए थे तब से लेकर अब तक किसी बाबू की नियुक्ति नहीं होने पर उनसे अतिरिक्त कार्य लिया जा रहा है। मंडी समिति में लेखाकार का पद विगत दो वर्षों से खाली चल रहा है। निरीक्षक के पांच पद में से चार रिक्त चल रहे हैं। मंडी सहायक के तीन पद रिक्त पड़े हुए हैं। चपरासी और चौकीदार के पद भी कई वर्षों से खाली पड़े हुए हैं। अंतरप्रांतीय कृषि उत्पादन मंडी समिति में कर्मचारी और अधिकारी का अकाल तो पड़ा ही है, वहीं जिन्हें मंडी समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई वे भी लापरवाह बने हुए हैं। किसान वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मंडी समिति में शौचालय की स्थिति दयनीय बनी हुई है। मंडी में आए किसानों को शौचालय के लिए परेशान होना पड़ता है। अनिल कुमार ने बताया कि मंडी समिति में साफ सफाई की दु‌र्व्यवस्था है। दिनेश का कहना है कि सब्जी मंडी में पेयजल की समस्या बनी हुई है। स्वच्छ पेयजल की मांग कई बार की जा चुकी है।


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