Move to Jagran APP

चुनार किला देख मंत्रमुग्ध हुए विदेशी मेहमान

गंगा में जलमार्ग के रास्ते जल पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देने व विदेशी पर्यटकों पर पकड़ बनाने के तहत पांच सितारा सुविधाओं से लैस जलपोत राजमहल में यात्रा कर रहे सात सदस्यीय यूरोपीय सैलानियों का दल शनिवार को गंगा के रास्ते राजमहल क्रूज से चुनार पहुंचा। दल के सदस्यों ने सबसे पहले चुनार दुर्ग पहुंचकर चुनार किला व सोनवा मंडप की प्रस्तर कला को निहारा और उसके बारे में जानकारी ली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:27 PM (IST)
चुनार किला देख मंत्रमुग्ध हुए विदेशी मेहमान
चुनार किला देख मंत्रमुग्ध हुए विदेशी मेहमान

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : गंगा में जलमार्ग के रास्ते जल पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देने व विदेशी पर्यटकों पर पकड़ बनाने के तहत पांच सितारा सुविधाओं से लैस जलपोत राजमहल में यात्रा कर रहे सात सदस्यीय यूरोपीय सैलानियों का दल शनिवार को गंगा के रास्ते राजमहल क्रूज से चुनार पहुंचा। दल के सदस्यों ने सबसे पहले चुनार दुर्ग पहुंचकर चुनार किला व सोनवा मंडप की प्रस्तर कला को निहारा और उसके बारे में जानकारी ली। इसके बाद किले से बाहर गंगा के किनारे सैकड़ों साल पुराने आंग्ल कब्रिस्तान में अपने पुरखों की कब्र को भी निहारा।

loksabha election banner

सोनवा मंडप के पत्थरों पर उकेरी गई कलाओं को अपने कैमरों में कैद कर रहे इन विदेशी मेहमानों के हावभाव बता रहे थे कि उन्हें यह कितना पसंद आया। इसके समीप स्थित योगिराज भतृहरि की समाधि के दर्शन करने और दुभाषिए व गाइड अखिलेश कुमार द्वारा उसकी जानकारी जानने और समझने के बाद आश्चर्य मिश्रित सुखद अनुभूति देख कर यह लग रहा था कि वे इस समाधि को देखने के बाद खुद को धन्य समझ रहे हैं।

इसके पश्चात यह यूरोपीय दल डाक बंगले की ओर बढ़ा और उसके पहले ही विशाल बावली को काफी देर तक देखते हुए उसकी विशालता के बारे में आपस में चर्चा की। डाक बंगला अवलोकन के बाद किले के दक्षिणी ओर स्थित अंग्रेजों के कब्रिस्तान को भी देखा। यहां पर अपने पुरखों की कब्रों को देखने के बाद उसके बारे में अपने गाइड से विस्तार से जाना और समझा। इसके बाद दल के सदस्यों ने दरगाह शरीफ मुहल्ले में होने वाली दरी और कार्पेट की बुनाई को देखा। नौवीं बार आएं हैं भारत

पर्यटक दल में शामिल आस्ट्रेलिया के ब्रायन स्वानबरी और उनकी पत्नी मार्गरेट को भारत इतना पसंद आ गया है कि वह नौंवी बार भारत दर्शन को आए हैं। उन्होंने अपना अनुभव जागरण से साझा करते हुए कहा कि उन्होंने लगभग पूरा उत्तर भारत घूम लिया है और वाराणसी उन्हें इतना पसंद है कि वह और उनकी पत्नी पांचवी बार गए हैं। फ्रांस से आई पैक्ट्रिशिया ने बताया कि उन्हें चुनार दुर्ग और आसपास के स्थल देख कर काफी प्रसन्नता हुई। इसके साथ ही उन्होंने इनके और बेहतर रखरखाव के बारे में कहा। साउथ आस्ट्रेलिया के दंपती बैरी ओब्रायन और पैट ओब्रायन द्वारा की जा रही फोटोग्राफी ये बता रही थी कि उन्हें चुनार के दर्शनीय स्थल कितने पसंद आए। क्वींसलैंड आस्ट्रेलिया के पीटर और गैरी ने भी अपने अनुभव को बेहतरीन बताया। गाइड की जुबानी

दल की यात्रा वाराणसी से कोलकाता के लिए आरंभ हुई है और पहले दिन दल के सदस्यों को चुनार दर्शन कराया गया है। इसके बाद 21 दिनों की जल यात्रा के दौरान रास्ते के पर्यटन स्थलों को दिखाया जाएगा।

गाइड अखिलेश कुमार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.