जर्जर लोहे का पुल दे रहा दुर्घटना को दावत
विध्याचल के त्रिकोण यात्रा के दौरान भैरव कुंड का महात्म्य से कोई अछूता नहीं है। मां अष्टभुजा के चरणों में मत्था टेकने के बाद लोग त्रिकोण मार्ग स्थित श्री यंत्र का भी दर्शन करते हैं।
जासं, मीरजापुर : विध्याचल के त्रिकोण यात्रा के दौरान भैरव कुंड का महात्म्य से कोई अछूता नहीं है। मां अष्टभुजा के चरणों में मत्था टेकने के बाद लोग त्रिकोण मार्ग स्थित श्री यंत्र का भी दर्शन करते हैं। इस दौरान लोग बड़े चाव से भैरव कुंड के पवित्र जल को भी ग्रहण करते हैं। इस दौरान बने लोहे के पुल से लोग श्रीयंत्र के दर्शन के साथ ही प्रकृति की अनुपम छटा को निहारते हैं। लोहे का बना पुल काफी पुराना हो गया है और इसमें जंग भी लगने लगा है। जर्जर पुल दुर्घटना को दावत दे रहा है। जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते दुर्घटना घट सकती है।
बाबा दिनेश महाराज ने बताया कि नवरात्र मेला के पूर्व कई अधिकारियों ने स्थान का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं की जानकारी दी गई, लेकिन आज तक निराकरण नहीं हुआ है। भक्तों के लिए बना लोहे का पुल जर्जर हो गया है, जिसको बनवाने की जरूरत है। विध्याचल क्षेत्र के त्रिकोण मार्ग स्थित मां अष्टभुजा मंदिर के पास भैरव कुंड में प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। बता दें कि मान्यता है कि भैरव कुंड का जल पीने से व्यक्ति सदैव निरोगी बना रहता है। भैरव कुंड का जल कहा से आता है ये तो आज तक पता नहीं चल सका है, लेकिन भैरव कुंड के जल में विभिन्न प्रकार के लाभदायी तत्व पाये जाते हैं जो मनुष्य को निरोगी बनाते हैं।