उमड़े श्रद्धालु, मां का दर्शन कर हुए निहाल
कार्तिक मास के दूसरे सोमवार को गड़बड़ाधाम में मां शीतला का दर्शन पूजन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। इस दौरान दर्शन पूजन के साथ लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया।
जागरण संवाददाता, गड़बड़ाधाम (मीरजापुर) : कार्तिक मास के तीसरे सोमवार को गड़बड़ाधाम में मां शीतला का दर्शन-पूजन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। इस दौरान दर्शन-पूजन के साथ लोगों ने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया। वहीं चारों तरफ फैले हुए कूड़े-करकट, पानी का अभाव तथा सेवटी नदी की सीढ़ी जर्जर होने के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई। हालांकि अव्यवस्थाओं के बीच भक्तों की आस्था भारी रही। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान तथा ब्लाक के अधिकारियों से साफ-सफाई व अन्य समस्याओं के समाधान कराने के लिए गुहार लगाई गई थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका खामियाजा दूर-दराज से यहां आए श्रद्धालुओं को उठाना पड़ रहा है।
हलिया ब्लाक के गड़बड़ाधाम स्थित मां शीतला का दर्शन-पूजन करने के लिए आधी रात से ही लोगों का आवागमन शुरू हो गया था। सुबह सेवटी नदी तथा हैंडपंपों पर स्नान ध्यान करने के बाद मां शीतला का भव्य दर्शन-पूजन किया। भोर में पुजारी द्वारा मां की आरती पूजन करने के बाद मंदिर का कपाट खोल दिया गया। इसके बाद लोगों ने कतारबद्ध होकर मां का दर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने मां को रोठ व लपसी के रूप में प्रसाद बनाकर चढ़ाया। वहीं पुरुष नारियल व चुनरी के साथ मां के भव्य रूप का दर्शन-पूजन कर निहाल हो उठे। हालांकि इस दौरान दर्शन- पूजन करने के लिए आए दूरदराज वाले श्रद्धालुओं को नित्य क्रिया करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि ब्लाक व ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते क्षतिग्रस्त सेवटी नदी घाट, शौचालय का आज तक मरम्मत नहीं कराया गया। वहीं, सफाई कर्मियों की लापरवाही से मंदिर परिसर के चारों तरफ फैली गंदगी को साफ-सफाई नहीं कराई गई।
प्रशासनिक मेला की तैयारी नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि अगहन का मेला नजदीक है लेकिन आज तक प्रशासनिक तैयारी नहीं शुरू हुई है। मेले में कई जनपदों व अन्य प्रांतों से भी श्रद्धालु आते हैं। इधर सेवटी नदी पर बना हुआ पुल भी क्षतिग्रस्त व सड़क भी जर्जर स्थिति में है। अक्सर छोटी मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। बताया कि आगामी मेला को देखते हुए शासन मामले को तत्काल गंभीरता से संज्ञान में नहीं लिया तो बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।