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भूमि सीमांकन में नहीं होगा किसानों का दोहन : सुमित परासर

भूमि सीमांकन में किसानों का शोषण अब नहीं हो पाएगा। यह जानकारी न्यायाधीश सुमित परासर ने दी। नालसा द्वारा चलाई जा रही राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में रविवार को तहसील सभागार में आयोजित कार्यक्रम के तहत ग्यारह मूल कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई जो संविधान में निर्धारित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 07:12 PM (IST)
भूमि सीमांकन में नहीं होगा किसानों का दोहन : सुमित परासर
भूमि सीमांकन में नहीं होगा किसानों का दोहन : सुमित परासर

जागरण संवाददाता, मड़िहान (मीरजापुर) : भूमि सीमांकन में किसानों का शोषण अब नहीं हो पाएगा। यह जानकारी न्यायाधीश सुमित परासर ने दी। नालसा द्वारा चलाई जा रही राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में रविवार को तहसील सभागार में आयोजित कार्यक्रम के तहत ग्यारह मूल कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई जो संविधान में निर्धारित किया गया है।

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उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि राजस्व संहिता की धारा 24 भूमि समांकन और 116 भूमि बंटवारे को लेकर किसी प्रकार से भ्रांतियां पैदा न हो। धारा 24 के अंतर्गत एक हजार रुपये शुल्क एक गाटे के सरकारी शुल्क जमा कर अपने भूमि की पैमाइश करा सकते हैं। वहीं 116 के अंतर्गत बंटवारा न्यायालय में दाखिल करा सकते हैं। साथ ही तहसीलदार नूपूर सिंह ने निश्शुल्क शिक्षा, महिला हेल्पलाइन और महिला सशक्तीकरण के बारे में भी लोगों को जागरूक किया। बताया कि समय-समय पर विशेष अभियान भी चलाया जाता है। इसमें विवाह योजना से लेकर अन्य योजनाएं भी शामिल हैं। इस दौरान एसडीएम जंग बहादुर यादव आदि मौजूद रहे। संचालन लेखपाल संघ के अध्यक्ष रामआसरे ने किया।


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