कोरोना पर आस्था भारी, 15 किमी पैदल चल भक्त पहुंच रहे बेचूबीर
जागरण संवाददाता अहरौरा (मीरजापुर) बेचूबीर मेले में कोरोना काल को देखते हुए प्रशासनिक
जागरण संवाददाता, अहरौरा (मीरजापुर) : बेचूबीर मेले में कोरोना काल को देखते हुए प्रशासनिक रोक के बाद भी भक्त दर्शन पूजन को पैदल ही 15 किलोमीटर का रास्ता तय कर रहे हैं। न तो भक्तों को कोविड-19 के खतरे का भय है और न ही दुर्गम पहाड़ियों पर पैदल चलने से कोई गुरेज। ऐसे में देखा जाए तो कोरोना पर भक्तों की आस्था भारी पड़ रही है।
अहरौरा से 15 किमी दूर जंगलों व पहाड़ों के बीच बसे बरही गांव के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हजारों भक्त सोमवार को पैदल ही पीठ पर बैग लिए और कुछ कंधों पर नौनिहालों को उठाए बाबा के धाम पहुंचे। उनकी आंखों में अभिलाषा व चेहरे पर दुख व पीड़ा के मिश्रित भाव थे, लेकिन मन में बाबा के प्रति श्रद्धा-विश्वास का उत्साह साफ झलक रहा था। सोमवार को धाम में झूमते हबुआते महिलाएं नजर आ रही थी। नौनिहालों को गोद में लिए हुए पैदल यात्रा में शामिल महिलाओं की दशा दयनीय रही। श्रद्धा पर नतमस्तक वृद्ध औरतें भी किसी तरह लाठी टेकते हुए बाबा के धाम में पहुंचीं। मेला में श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे बेसहारा की तरह अपनी मनोकामना पूर्ति की इच्छा संजोए मनरी बजने का इंतजार कर रहे हैं। वीरान स्थल पर विद्यमान नीम के पेड़ के नीचे स्थित बेचूबीर बाबा की चौरी को आकर्षक रूप से सजाया गया था।
पंद्रह किमी पहले ही प्रशासन ने लगा दिया पहरा
बेचूबीर बाबा के मेला में रोक लगने से अन्य प्रांतों व जनपदों से आए वाहनों को पंद्रह किलोमीटर दूर ही रोक दिया जा रहा था। प्रशासन की ओर से मेला में कोई व्यवस्था न होने पर चहुंओर दुर्व्यवस्था नजर आई। इससे गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं व वृद्धजनों की हालत बदतर हो गई थी। बाबा की चौरी के पास कुछ स्थानीय लोगों द्वारा दुकानें लगा दी गई थी जिसके चलते उन्हें कुछ सहारा हो गया था।