कौशल विकास ने दिखाई राह तो युवाओं के सपने हुए साकार
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले के युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई संस्थानों के माध्यम से हुनरमंद बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करके ये हुनरमंद युवा अपने सपने को साकार करते हुए प्रदेश की तरक्की में भी भागीदार बन रहे हैं। इसी के तहत चुनार के सद्दूपुर स्थित सीट कंप्यूटर एजुकेशनल सेंटर द्वारा वर्ष 2014 से ही काम किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले के युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई संस्थानों के माध्यम से हुनरमंद बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करके ये हुनरमंद युवा सपने को साकार करते हुए प्रदेश की तरक्की में भी भागीदार बन रहे हैं। चुनार के सद्दूपुर स्थित सीट कंप्यूटर एजुकेशनल सेंटर द्वारा वर्ष 2014 से काम किया जा रहा है। अभी तक 1340 युवाओं को पीएमकेवाई के तहत विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया गया है। संस्था के डायरेक्टर गौतम बाबू जायसवाल ने बताया कि प्रशिक्षण मिलने के बाद प्रशिक्षुओं को रोजगार मेला लगाकर पिछले वर्ष प्लेसमेंट भी दिलाया गया था। रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त कर बड़ी संख्या में युवाओं ने स्वरोजगार कर सपने साकार किए। बीते वर्ष सितंबर महीने में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद अनुप्रिया पटेल ने चुनार के सीट कंप्यूटर सेंटर द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किए गए 360 प्रशिक्षुओं को आफर लेटर और प्रमाण पत्र वितरित किए थे।
औसतन दो सौ घंटे का प्रशिक्षण
मुख्य प्रशिक्षक अमित कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि संस्था में जेम्स एंड ज्वेलरी, रिटेल मार्केटिग, काल सेंटर एग्जिक्यूटिव, डाक्यूमेंटेशन असिस्टेंस ट्रेड में अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण देकर लोगों को स्किल्ड बनाने का काम किया जाता है। सभी ट्रेड की प्रशिक्षण अवधि दो सौ घंटे की होती है। प्रशिक्षु को पीएमकेवाई का प्रमाण-पत्र जारी होता है। ये प्रमाण -पत्र जॉब के लिए काफी मददगार होता है। जेम्स एंड ज्वेलरी में सोना-चांदी की हाल मार्किंग से लेकर हीरे की गुणवत्ता तक की जानकारी दी जाती है। रिटेल मार्केटिग में सामानों के क्रय-विक्रय, ग्राहक से पीआर आदि के बारे में बताया जाता है। काल सेंटर, कस्टमर केयर में उससे संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है।
मिलता से 36 रुपये प्रति घंटे
डायरेक्टर गौतम बाबू जायसवाल के अनुसार प्रशिक्षण के लिए आधारभूत संरचना की जियो टैगिग होती है। हर छात्र की बायोमेट्रिक हाजिरी ली जाती है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद प्रत्येक ट्रेड के घंटे के हिसाब से 36 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से मिलते हैं। लोकल स्तर पर अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रत्येक ट्रेड में प्रतिदिन चार घंटे की ट्रेनिग दी जाती है।
युवाओं के कौशल का विकास करने को आगे आ रही कंपनियां
मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि आरईएस कंपनी अपने कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से मीरजापुर के एक हजार गरीब युवाओं का कौशल विकास करेगी। हाल ही में साइन किए गए एमओयू के बाद उत्तर प्रदेश में मीरजापुर जनपद को चुना गया है, जहां कंपनी करीब डेढ़ करोड़ की लागत से एक हजार युवाओें को प्रशिक्षित करने जा रही है। इस अभियान में कंपनी सीएसआर फंड से एक करोड़ 54 लाख रुपये खर्च करेगी। बताया कि जिले के बेरोजगार युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में इलेक्ट्रानिक्स के अलावा कई ट्रेड शामिल होंगे, जिसमें दक्ष युवाओं की मांग विभिन्न कंपनियों में बनी रहती है। कौशल विकास मिशन के एमआईएस प्रबंधक संतोष कुमार जायसवाल ने बताया कि नरायनपुर ब्लॉक में प्रशिक्षण का शुभारंभ जल्द होने जा रहा है।
हुनरमंद बोले-
1- तेरह हजार रुपये महीने की कर रही हैं नौकरी
संस्था से डाक्यूमेंटेशन असिस्टेंट ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली प्रगति श्रीवास्तव माइक्रोटेक एजुकेशनल सोसाइटी में टीचर के पद पर काम करती हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल कोरोना के कारण काम बंद है लेकिन पीएमकेवाई से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें ये नौकरी मिली जिससे वह तेरह हजार रुपये महीने कमा रही थीं। उन्होंने बताया कि वह घर पर भी बच्चों को स्किल डेवलपमेंट समेत कंप्यूटर आदि का प्रशिक्षण देकर करीब तीन से चार हजार रुपया महीना कमा लेती हूं। प्रगति का कहना है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत मिले प्रशिक्षण से निकट भविष्य में उन्हें और लाभ मिलेगा। प्रशिक्षण के बाद दिया गया प्रमाण-पत्र भी नौकरी आदि में काफी लाभकारी सिद्ध होगा।
2- कौशल विकास के तहत लिया प्रशिक्षण रहा लाभकारी
कोचिग सेंटर संचालित करने वाले भरत लाल सिंह ने बताया कि कौशल विकास का प्रशिक्षण उनके लिए काफी लाभकारी रहा। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान जो भी सीखा वह भविष्य में उनके किसी न किसी काम अवश्य आएगा। उन्होंने बताया कि वह कोचिग चलाकर करीब 18 हजार रुपया कमा लेते हैं। साथ ही वह कंपटीशन की तैयारी भी कर रहे हैं। पीएमकेवाई के बारे में उन्होंने कहा कि यहां मिले प्रशिक्षण के चलते उन्होंने ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर की तमाम बातें सीखी। इसके साथ ही कोरियर व्यवसाय से संबंधित तमाम जानकारियां हासिल हुईं। जिसके बाद यदि जरूरत पड़े तो व्यक्ति भविष्य में योजनागत तरीके से अपना स्वयं का कोरियर या ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय शुरू कर सकता है।
3- प्रशिक्षण के दौरान मिली तमाम नई जानकारियां
गंगेश्वरनाथ मुहल्ला निवासी साक्षी चौबे ने बताया कि उन्होंने एक वर्ष पहले प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया था जिससे उन्हें तमाम नई जानकारियां हासिल हुईं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य नौकरी या व्यवसाय नहीं था लेकिन ये हुनर हासिल करने के बाद आवश्यकता पड़ने पर स्वावलंबी बना जा सकता है। प्रशिक्षकों द्वारा विषय की संपूर्ण जानकारी देने के साथ ही उसके बारे में प्रयोगात्मक स्तर पर भी समझाया जाता था। आफिस में डाक्यूमेंटेशन असिस्टेंट का कार्य और उसकी जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया गया। साक्षी ने कहा कि भविष्य में यदि कोई जॉब करना चाहूंगी तो ये काफी मददगार होगा।
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एक नजर
- स्वयं सहायता समूह की 100 महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण।
- एकाउंट असिस्टेंट यूजिग टैली का प्रशिक्षण।
- ओडीओपी योजना के तहत 100 महिलाओं को प्रशिक्षण
- सेल्फ इम्पलाइड टेलर योजना के तहत 250 महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण।
- विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत कामगारों को प्रशिक्षण।