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पूर्वांचल के जिलों में मादक पदार्थ के तस्करी का चल रहा खेल

जागरण संवाददाता मीरजापुर मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले लोगों को दबोचने के लिए पूर्वांचल के जनपदीय पुलिस को दरकिनार करते हुए एसटीएफ को लगाया गया है। ताकि पुलिस की मिलीभगत चल रहे इस गांजे हेरोइन और अफीम की तस्करी के खेल पर पाबंदी लगाया जा सके। इसके लिए हर जिले में एक विशेष कर्मचारी को गोपनीय तरीके से जानकारी लेने के लिए भेजा गया है। जो इन तस्करों की सूचना इकट्ठा करके शासन को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे। उसी के आधार पर एसटीएफ की टीम छापेमारी कर कार्रवाई करेगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 12:44 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 12:44 AM (IST)
पूर्वांचल के जिलों में मादक पदार्थ के तस्करी का चल रहा खेल
पूर्वांचल के जिलों में मादक पदार्थ के तस्करी का चल रहा खेल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले लोगों को दबोचने के लिए पूर्वांचल के जनपदीय पुलिस को दरकिनार करते हुए एसटीएफ को लगाया गया है। ताकि पुलिस की मिलीभगत चल रहे इस गांजे, हेरोइन और अफीम की तस्करी के खेल पर पाबंदी लगाया जा सके। इसके लिए हर जिले में एक विशेष कर्मचारी को गोपनीय तरीके से जानकारी लेने के लिए भेजा गया है। जो इन तस्करों की सूचना इकट्ठा करके शासन को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे। उसी के आधार पर एसटीएफ की टीम छापेमारी कर कार्रवाई करेगी।

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पूर्वांचल के जिलों में फैले मादक पदार्थ के पकड़जाल को तोड़ने का शासन ने निर्णय ले लिया है। उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से गांजा हेरोइन लाकर मीरजापुर, सोनभद्र, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, मऊ तथा आजमगढ़ में सप्लाई करने वाले तस्करों की गोपनीय तरीके से जांच की जा रही है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा कि इसके बदले ये लोग जनपदीय पुलिस को कितनी रकम देने का कार्य करते हैं। इसके लिए एक कर्मचारी को लगाया गया जो विभिन्न जनपदों में जाकर जानकारी जुटाने का कार्य करेगा। रिपोर्ट तैयार करके इसके बारे में उच्चाधिकारियों को बताएंगे। जो जनपदीय पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश देने की बजाय एसटीएफ को लगाएंगे। जिससे छोटे मोटे तस्कर की बजाय उन बड़े तस्करों को पकड़ा जा सके जो इस धंधे को फैलाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। एसटीएफ उन पुलिस कर्मियों को भी चिन्हित करने काम कर रही हैं तो इन तस्करों के साथ मिले हुए है। जल्द ही उनकी भी नकेल कसी जाएगी। पुलिस के कुछ जानकारों की माने तो शासन में शिकायत की गई है कि हर जिले के स्थानीय पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिस कर्मी भी इस अंधे को आगे बढ़ाने में सह दे रहे हैं। वे तस्करों की मदद करने का काम कर रहे हैं। इसके बदले उन्हें मोटी रकम मिल रही है।


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