विध्याचल मास्टर प्लान के लिए ड्रोन कैमरे से किया गया सर्वे
मां विध्यवासिनी धाम में कारिडोर निर्माण के लिए शासन-प्रसाशन द्वारा लगातार तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को सुबह लखनऊ से आई दो सदस्यीय टीम ने मंदिर परिक्षेत्र का ड्रोन कैमरे से निरीक्षण किया। इस दौरान लोगों की छतों से उड़ रहे ड्रोन कैमरे को देखने का कौतूहल मचा रहा और तरह-तहर की चर्चाएं विध्याचल में होती रहीं।
जागरण संवाददाता, विध्याचल (मीरजापुर) : मां विध्यवासिनी धाम में कारिडोर निर्माण के लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को सुबह लखनऊ से आई दो सदस्यीय टीम ने मंदिर परिक्षेत्र का ड्रोन कैमरे से निरीक्षण किया। इस दौरान लोगों की छतों से उड़ रहे ड्रोन कैमरे को देखने का कौतूहल मचा रहा और तरह-तरह की चर्चाएं विध्याचल में होती रहीं।
लखनऊ से आई दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे विध्याचल पहुंचकर सर्वेक्षण किया। इस दौरान कचौड़ी गली, पक्का घाट, पुरानी व न्यूवीआइपी रोड, मंदिर से बरतर रोड के उपर ड्रोन कैमरा उड़ाकर सर्वे किया गया। टीम के सदस्यों की मानें तो वे अपनी रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय को सौंप देंगे। नगर मजिस्ट्रेट सुशील लाल श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ की एजेंसी एएनबी कंसलटेंट पूरा मास्टर प्लान बना रही है जिसके लिए ड्रोन कैमरे की रिपोर्ट मंगाई गई। जल्द ही प्लान तैयार कर लिया जाएगा। ड्रोन कैमरे को घर की छतों के ऊपर उड़ता देख विध्याचल वासियों में कई तरह की चर्चाएं होती रहीं। उन्होंने कहा कि मां विध्यवासिनी के आशीर्वाद से यह कार्य हो रहा है और इससे यहां के लोगों का ही विकास होना है। बाहर से आने वाले तो केवल दर्शन करते हैं और चले जाते हैं लेकिन जो आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा वह अंतत: यहीं के लोगों को लाभान्वित करेगा। उन्होंने बताया कि कई स्तरों पर विकास की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसका मास्टर प्लान जल्द फाइनल हो जाएगा और उसी के अनुसार विध्याचल का विकास किया जाएगा।
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पक्षपातपूर्ण माप-जोख से गुस्सा, संशय में विध्याचलवासी
- स्थानीय लोगों ने लगाया आरोप, प्रशासन कर रहा पक्षपात
- नाप जोख को लेकर संशय, मुआवजे का किया जाए खुलासा
जासं, विध्याचल (मीरजापुर) : एक तरफ प्रशासन जोर शोर से विध्यवासिनी कारिडोर की तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग संशय व भय के वातावरण में जी रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक ही सड़क को कहीं 50 फीट तो कहीं 40 फीट नाप किया गया। कहीं पर सड़क की चौड़ाई 15 फीट है तो कहीं पर इसे 25 फीट कर दिया गया जिससे स्थानीय लोगों को समस्या है। इसकी शिकायत भी प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है।
पुरानी वीआईपी निवासी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि प्रशासन द्वारा मुआवजे आदि पर कोई चर्चा नहीं की जा रही जिससे लोगों को लग रहा है कि आगे क्या होने वाला है। उन्होंने कहा कि बरतर तिराहे से मंदिर तक 50 फीट की मापी की गई जबकि इससे आगे दूसरी तरफ 40 फीट माप हुई। यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। वहीं पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने कहा कि कहीं पर सड़क की चौड़ाई 25 फीट है तो कहीं पर मात्र 15 फीट चौड़ाई है। इससे पता चलता है कि किसी के दबाव में प्रशासन कार्य कर रहा है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों ने कहा कि मुआवजे को लेकर या सर्किल रेट को लेकर अभी तक कोई बैठक या मीटिग नहीं की गई। कचौड़ी गली में दुकान चलाने वाले चौरसिया परिवार का कहना है कि उनकी पूरी दुकान कारिडोर की जद में है और ऐसा हुआ तो उनका परिवार किसके सहारे रहेगा। इस विषय पर प्रशासनिक अधिकारी कोई साफ जवाब नहीं दे रहे जिसकी वजह से डर का माहौल बना हुआ है।