हर लिक पर ना करें क्लिक, चोरी हो जाएगा गोपनीय डाटा
लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के मामले किस तरह से तेजी से बढ़ रहे हैं इसका एक उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते बुधवार को जिले के एक ठग पर मुकदमा दर्ज हुआ। भदोही व मीरजापुर के ठगों ने एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के खाते से 1
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के मामले किस तरह से तेजी से बढ़ रहे हैं इसका एक उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते बुधवार को जिले के एक ठग पर मुकदमा दर्ज हुआ। भदोही व मीरजापुर के ठगों ने एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के खाते से 18 लाख रुपये उड़ा लिए। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जरा सी सावधानी बरती जाए तो साइबर क्राइम के मामलों से बचा जा सकता है।
साइबर विशेषज्ञ दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन का माहौल है। ऐसी स्थिति में पहले की अपेक्षा इंटरनेट का उपयोग 90 फीसद लोग करने लगे हैं। समय बिताने के साथ-साथ घर बैठे ऑनलाइन काम भी किया जा रहा है। इसी वजह से जाने-अनजाने हम बेवजह गूगल से कभी सर्च करके फोटोग्राफ्स डाउनलोड करते हैं तो कभी यूट्यूब या किसी वेबसाइट से से वीडियो डाउनलोड करते हैं। गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करते हैं। अगर ऐसी आदत है तो सावधान हो जाएं क्योंकि साइबर अपराधी छिपी तकनीकी का प्रयोग कर डाटा चोरी कर रहे हैं। इसमें कई तरह के स्पाइवेयर व मालवेयर प्रयोग कर रहे हैं। यह स्पाइवेयर और मालवेयर कंप्यूटर या मोबाइल में आते ही गोपनीय दस्तावेज को फोटोग्राफ्स, कांटेक्ट डिटेल्स को हजारों किमी दूर तक पहुंचा देगा। इतना ही नहीं आपके कैमरे को लाइव भी कर सकता है जिसकी भनक तक आपको नहीं होगी। इसलिए बेवजह बिना जांच परख किए इस समय फोटोग्राफ्स, वीडियो या ऐप डाउनलोड करने से बचना चाहिए।
लिक को बिल्कुल न करें क्लिक
कई लोग लिक भेजते हैं और कहते हैं कि इस पर क्लिक करिए। ऐसी स्थिति में बैंक खाता खाली होने के साथ-साथ आपके गोपनीय दस्तावेज भी गायब हो सकते हैं। इतना ही नहीं आपके सोशल साइट्स पर अकाउंट्स की क्लोनिग भी हो सकती है। कई लुभावने आफर में आपको कुछ रकम खाते में डालने या ओटीपी की मांग की जाती है। ऐसी स्थिति में सावधान रहें व सतर्क रहने में ही भलाई है।
अफवाहों का माध्यम न बनें
समाज में असामाजिक तत्व, प्रोफेशनल साइबर अपराधी के साथ-साथ राजनीति से जुड़े हुए लोग हैं जो फर्जी और बनावटी न्यूज बनाने के साथ-साथ फर्जी फिशिग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं। किसी भी भड़काऊ पोस्ट को फारवर्ड करना, लाइक करना एक क्राइम है। अगर आप ऐसे करते हैं तो आप साइबर अपराधी की श्रेणी में आते हैं। इसमें तीन से 10 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही एक लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।