निर्जला एकादशी पर विध्यधाम उमड़े श्रद्धालु
निर्जला एकादशी पर्व पर सोमवार को विध्यधाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सामान्य दिनों की अपेक्षा सोमवार को सबसे अधिक भीड़ रही। महिला-पुरूष बच्चे व बुजुर्ग सभी आस्था पथ पर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए गंगा तट पर भी सर्वाधिक भीड़ दिखी। स्नान-दान कर श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित किया तो वहीं मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : निर्जला एकादशी पर्व पर सोमवार को विध्यधाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सामान्य दिनों की अपेक्षा सोमवार को सबसे अधिक भीड़ रही। महिला-पुरूष, बच्चे व बुजुर्ग सभी आस्था पथ पर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए गंगा तट पर भी सर्वाधिक भीड़ दिखी। स्नान-दान कर श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित किया तो वहीं मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की।
जेठ शुक्ल पक्ष निर्जला एकादशी पर्व पर तरह-तरह के फूलों व विभिन्न आभूषणों से मां विध्यवासिनी का भव्य श्रृंगार किया गया था। विध्यधाम पहुंचे श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद सीधे मंदिर की ओर बढ़े और सीढ़ी पर मत्था टेक कतारबद्ध हो गए। घंटा-घड़ियाल, शंख व जयकारे के बीच माला-फूल, नारियल, चुनरी प्रसाद लेकर श्रद्धालु गर्भगृह की ओर बढ़े। कोइ झांकी से तो कोई गर्भगृह पहुंच मां का दर्शन-पूजन किया। जय मां विध्यवासिनी की जयकारे से विध्यधाम गुंजायमान हो उठा। इसके बाद मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं के समक्ष शीश नवाया और हवन-कुंड की भी परिक्रमा की।
विध्यवासिनी मंदिर की छत पर जनेऊ संस्कार के साथ ही पाठ-अनुष्ठान का भी दौर चलता रहा। मां विध्यवासिनी का दर्शन करने बाद भक्तों ने नंगे पांव त्रिकोण यात्रा की। विध्य पर्वत पर विराजमान मां काली और मां अष्टभुजा का विधिवत पूजन-अर्चन किया। इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पंडा समाज भी दूर-दराज से आए तीर्थ यात्रियों को दर्शन-पूजन कराने में जुटा रहा। भीड़ के चलते सभी वाहन स्टैंड, होटल और ढाबे भरे रहे। विध्यवासिनी मंदिर की छत पर यज्ञोपवीत के लिए लोग काफी इंतजार करते दिखे। दर्शनाथियों की भीड़ से व्यापारी काफी खुश दिखे। कोरोना काल के दौरान यह पहला अवसर था, जब नवरात्र जैसा माहौल देखने को मिला। हालांकि विध्याचल प्रवेश करने वाले दो प्रमुख मार्गों पर अंडर पास पुल के अंदर जलजमाव से परेशानी झेलनी पड़ी। पटेंगरा नाला व रेहड़ा पुल के नीचे जलभराव से गाड़ियां पानी में ही बंद हो गई।