दीया-दीया चांद, रोशन-रोशन चांदनी
जागरण संवाददाता मीरजापुर आसमान से जैसे ही पूर्णिमा के चांद ने धरा पर कदम रखा वैसे ही
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आसमान से जैसे ही पूर्णिमा के चांद ने धरा पर कदम रखा वैसे ही दीपों की 'लौ' जगमगाने लगी। आसमान से चांदनी की छटा निखरने लगी तो गंगा तट पर दीप-दीपों ने मिलकर अलौकिक चंद्रहार का रूप पकड़ लिया। तट पर दीप जलाते लोगों के चेहरे पर बरबस ही आसमान की ओर उठ जाते और देवों को समर्पित दीपक की लौ आभामय हो जाती। कुछ ऐसे ही रौनक के साथ देव दीपावली की शाम विध्य नगरी के गंगा तट पर साकार हुई। भक्तों ने दीपदान कर मां गंगा की आरती उतारी और आशीर्वाद लिया।
सोमवार की शाम घाटों पर जैसे ही दीपों का माला ज्योतिर्मय हुई अचानक लगा जैसे भगवान शिव के मस्तक से उतरी देव-सरिता के गले का अनमोल चंद्रहार जगमगा उठा हो। जिसने भी इस अलौकिक छटा को देखा, वह निहाल हो गया। इसके साक्षी बनने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने स्वयं को धन्य मान लिया। जगमगाहट ऐसी कि मानो तेल और बाती में परंपरा की थाती सहेजे दीपों के रूप में धरती पर उतर आए हों सितारे। ज्योति-मालिका की कतार देख लगा कि जैसे गंगा के गले में सज आया हो टिमटिम करते अनगिनत दीपों का सतरंगी चंद्रहार। गंगा के इस श्रृंगार को जिसने भी देखा बस निहारता रह गया। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कचहरी स्थित गंगा तट पर दीपों व विद्युत झालरों की प्रकाश में भागीरथी प्रवाहमान हुई। इस ²श्यमाला की झलक मात्र से मन विभोर और तन विह्वल हो उठा। दीपों की जगमग और फूलों की महमह। देवलोक से मानों देवगण इस ²श्य को देखने के लिए आतुर हों। कचहरी घाट पर गंगा सेवा समिति की ओर से देव दीपावली के अवसर पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। हालांकि कोरोना के चलते इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सका, फिर भी दीपोत्सव का उत्साह देखते ही बन रहा था। समिति की ओर से भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान गणेश दत्त श्रीवास्तव, शिवप्रसाद उपाध्याय, संतोष सेठ, सूर्यदेव गुप्ता, पवन त्रिपाठी, बिहारी, अभिजीत, मोहित सेठ, अंकित गुप्ता, कार्तिक यादव, संतोष गुप्ता, शाश्वत उपाध्याय, आदर्श सेठ आदि रहे।