बालू खनन बंद होने के बावजूद हो रहा खनन
जागरण संवाददाता मीरजापुर जनपद में बालू खनन बंद होने के बावजूद कई पट्टाधारक व अवैध खनन क
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद में बालू खनन बंद होने के बावजूद कई पट्टाधारक व अवैध खनन कर्ता बालू का खनन करा रहे है। कई पट्टेधारक को नियमों को ताक पर रखकर बालू भंडारण करा रहे है। शिकायत बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बारिश को देखते हुए 15 जुलाई से बालू खनन पर रोक लगा दी गई है। गत दिनों बाढ़ आने पर सबकुछ बंद हो गया था ,लेकिन जैसे की पानी कम हुआ एक बार फिर खननकर्ता सक्रिय हो गए और गहिया, नेवढि़या, गोगांव, नदनी, धन्नूपुर, खुटहां, महराजगंज, कछवां आदि इलाके में खनन का कार्य किया जाने लगा। सबसे बड़ी बात यह हैं कि कोई भी पट्टाधारक लीज या उसके आसपास बालू का भंडारण नहीं कर सकता है। लेकिन जिले में ऐसे कई पट्टाधारक है जो नियमों का ताक पर रखकर गंगा किनारे या एक दो किलोमीटर के अंदर ही हजारों घन मीटर बालू का भंडारण किए हुए है। इसकी जानकारी खनन विभाग को भी है बावजूद इसके वे कार्रवाई नही कर रहे।
बताया जाता हैं कि कोई भी पट्टा धारक अपने लीज के पास बालू का भंडारण नहीं कर सकता है। पांच किलोमीटर के बाद भी भंडारण किया जा सकता है। नियम के विरुद्ध भंडारण करने पर उसकी बालू विभाग सीज कर नीलाम कर सकता है। यहीं नही उसका पटटा भी निरस्त किया जा सकता है। जिले में कुल 11 बालू की लीज है। इसमें छानबे में तीन, कोन में दो, सिटी में दो व मझवां ब्लाक में चार बालू के पटटे शामिल है। वर्जन
जनपद में बालू खनन का कार्य इस समय बंद है। जहां तक भंडारण की बात है तो लीज से पांच किलोमीटर दूर ही भंडारण किया जा सकता है। ऐसा कोई करता है तो उसकी बालू सीज कर नीलाम किया जाएगा।
केके राय खनिज अधिकारी