ठगी का शिकार होने के बाद दंपती ने ट्रेन से आगे कूदकर दी जान
क्षेत्र के नेगुरा तेज सिंह निवासी दंपती ठगी का शिकार होने के बाद गुरुवार की सुबह जिगना के भतड़ा गांव के सामने ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दी।
जागरण संवाददाता, गैपुरा (मीरजापुर) : क्षेत्र के नेगुरा तेज सिंह निवासी दंपती ठगी का शिकार होने के बाद गुरुवार की सुबह जिगना के भतड़ा गांव के सामने ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। स्वजनों ने एक युवक पर मृतक से ट्रैक्टर खरीदने के बहाने तीन लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है। पुलिस शिकायत के आधार पर आरोपित की तलाश कर रही है।
स्वजनों के अनुसार मृतक पवन उर्फ ओम प्रकाश (32) पुत्र लक्षणधारी रोजी-रोटी चलाने के लिए पुराना ट्रैक्टर खरीदना चाहता था। उसने वीरेंद्र कुमार सिंह नामक व्यक्ति को इसके बारे में बताया तो उसने कहा कि उसके पास एक ट्रैक्टर है जिसे तीन लाख रुपये में बेचेगा। यह सुन पवन ट्रैक्टर खरीदने के लिए रुपये जुटाने लगा। कई किश्तों में लगभग ढाई लाख रुपये उसे दे दिए। 50 हजार रुपये कम पड़ने पर उसने पिता से मांगा और उनके न देने पर नाराज हो गया। बेटे की जिद देख पिता ने बैंक से 50 हजार रुपये निकालकर बुधवार की सुबह उसे दे दिए। 50 हजार रुपये लेकर पवन तत्काल वीरेंद्र के पास गया और उसे रुपये देकर ट्रैक्टर देने को कहा। आरोपित ने उससे रुपये तो ले लिए लेकिन ट्रैक्टर नहीं दिए। कहा कि शाम को ट्रैक्टर देगा। जब पवन ने उसके मोबाइल पर शाम को संपर्क किया तो उसका मोबाइल बंद बताने लगा। कई बार काल करने के बावजूद मोबाइल बंद मिला तो उसको खोजने निकला। नहीं मिलने पर घर वापस आकर पत्नी कंचन (28 ) से इसके बारे में बताया कि वह ठगी का शिकार हो गया। रुपये चले गए तो अब वह पिता को मुंह कैसे दिखाएगा। पवन और कंचन रातभर इसी बात पर बात करते रहे। इसी बीच दोनों ने आत्महत्या करने का मन बना लिया। सुबह उठकर जिगना के भतडा गांव के पास पहुंचे। अपलाइन पर आ रही किसी ट्रेन के सामने कूद गए। इंजन में फंसने के कारण कंचन का शव क्षत-विक्षत हो गया जबकि पवन के सिर में गंभीर चोट आने के कारण मौत हो गई। सुबह ग्रामीणों ने रेलवे लाइन किनारे दोनों का शव देखा तो इसकी जानकारी परिवार के लोगों को दी।
माता-पिता की मौत की खबर सुन बेटा बेहोश
पवन उर्फ ओमप्रकाश और कंचन को दो पुत्र व एक पुत्री हैं। इसमें सबसे बड़ा पुत्र पंकज (आठ), खुशी (छह) व अनमोल (चार) है। मृतक तीन भाइयों में सबसे छोटा था, जो दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। लाकडाउन के चलते 16 फरवरी को घर आया था । मृतका कंचन का मायका विध्याचल थाना क्षेत्र के नौगांव में है। इनका विवाह 10 वर्ष पूर्व हुआ था। जिगना थाना प्रभारी प्रणय प्रसून श्रीवास्तव ने बताया कि ससुराल व मायके पक्ष से लोग आए थे। स्वजनों व माता संतोष देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना की जानकारी होते ही बड़ा बेटा पंकज बेहोश हो गया।