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82 कार्यालयों में समिति, महिला उत्पीड़न के महज दो प्रकरण

जागरण संवाददाता मीरजापुर कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों का उत्पीड़न रोकने की कवायद ते

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 06:52 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 06:52 PM (IST)
82 कार्यालयों में समिति, महिला उत्पीड़न के महज दो 
प्रकरण
82 कार्यालयों में समिति, महिला उत्पीड़न के महज दो प्रकरण

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों का उत्पीड़न रोकने की कवायद तेज हो गई है। लैंगिग उत्पीड़न निवारण, प्रतिशोध अधिनियम --2013 के तहत कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी का दावा है कि अभी तक जनपद के 90 कार्यालयों में से 82 कार्यालयों में स्थानीय परिवाद समिति का गठन हो चुका है। हालांकि समिति को अभी तक केवल दो प्रकरण प्राप्त हुए, जिनका निस्तारण कर दिया गया।

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कार्यालय पर बलात्कार या छेड़छाड़ जैसी घटना उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। कार्यस्थल पर महिला के साथ होने वाली घटना उसके पूरे जीवन को प्रभावित करती है। महिलाओं को असहज महसूस होने वाली हर हरकत को कानून में उत्पीड़न के दायरे में रखा गया है। कार्यस्थलों के दूषित माहौल को महिलाओं के अनुकूल बनाने के लिए बनाया गया है। जनपद स्तरीय कमेटी कर रही निगरानी

जनपद स्तरीय कमेटी में जिला दिव्यांगजन अधिकारी दिव्या शुक्ला, बीडीओ पहाड़ी उषा पाल, सदस्य रेनू पांडेय अधिवक्ता, वन स्टाप सेंटर की पूजा मौर्य, जिला प्रोवेशन अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। कमेटी महिला उत्पीड़न के प्रकरणों की निगरानी कर रही है।

वर्जन

कार्यालयों में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर है। जनपद में महज 8 विभागों में स्थानीय परिवाद समिति का गठन शेष है, इसके लिए विभागों को पत्र जारी किया गया है।

- शक्ति त्रिपाठी

जिला प्रोबेशन अधिकारी।


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