नगर पालिका के कथित सहायक अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज
शहर कोतवाली पुलिस ने डूडा परियोजना प्रबंधक की तहरीर पर नगर पालिका में कार्य कर रहे तथाकथित सहायक अभियंता रामजी उपाध्याय पुत्र यज्ञरोपण उपाध्याय निवासी पुरनिया पृथ्वीपुर जनपद अंबेडकर नगर हाल पता करियाडीह पड़रा हनुमान के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। पुलिस आरोपित पर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : शहर कोतवाली पुलिस ने डूडा परियोजना प्रबंधक की तहरीर पर नगर पालिका में कार्य कर रहे कथित सहायक अभियंता रामजी उपाध्याय पुत्र यज्ञरोपण उपाध्याय निवासी पुरनिया पृथ्वीपुर जनपद अंबेडकर नगर हाल पता- करियाडीह पड़रा हनुमान के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। उन पर कागजातों में कूटरचित, हेराफेरी व धोखाधड़ी कर नौकरी हथियाने का मामला सामने आया है। पुलिस आरोपित पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि अंबेडकर नगर जनपद के पुरनिया हंसवार निवासी रामजी उपाध्याय द्वारा नगर पालिका मीरजापुर में फर्जी तरीके से कागजातों में कूटरचित कर सहायक अभियंता के पद पर संबद्ध होकर निर्माण कार्यों का संपादन करने एवं डूडा मीरजापुर में अवर अभियंता के रूप में संबद्ध होने की शिकायत मिली थी। इसकी जांच एडीएम (वित्त एवं राजस्व) यूपी सिंह व मुख्य कोषाधिकारी द्वारा कराई गई थी। जांच में पाया गया कि यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन लिमिटेड मीरजापुर में रामजी उपाध्याय की नियुक्ति 27 मई 2005 को बतौर अवर अभियंता, कंसल्टेंट रूप में सामयिक तरीके से प्रोजेक्टवार हुई थी। जिसमें परियोजनावार निगम से प्राप्त होने वाले लाभांश के दो प्रतिशत शुल्क की धनराशि पर उन्हें सिविल कार्य कराए जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी। यदि कार्य संतोषजनक न पाए जाने पर अनुबंध समाप्त करने की शर्त थी। वर्ष 2005-06 में कराए गए सिविल निर्माण कार्य की कंसल्टेंसी फीस के रूप में उन्हें मात्र 5312 रुपये का भुगतान 25 फरवरी 2006 को किया गया था। जांच में यह भी पाया गया कि रामजी उक्त संस्था में कोई सेवा देने की बजाय उक्त अनुबंध के आधार पर छलपूर्वक यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कारपोरेशन लि. में नियमित अभियंता बताकर वरिष्ठ अधिकारियों को धोखे में रखकर डूडा में 31 दिसंबर 2007 एवं 14 मार्च 2012 को अवर अभियंता के रूप में अपने को संबंद्ध कराया। इसके बाद उन्होंने जानबूझकर दोबारा अधिकारियों को धोखे में रखकर नगर पालिका मीरजापुर में 28 फरवरी 2018 को सहायक अभियंता के रूप में संबद्ध करा लिया। जबकि नियमित कर्मचारी ही एक से दूसरे विभाग में संबद्ध करा सकता है। रामजी उपाध्याय द्वारा जानबूझकर छलपूर्वक नियमित अवर अभियंता सहायक/अभियंता के रूप में प्रस्तुत किया गया। इनके द्वारा हस्ताक्षरित स्टेटमेंट एवं एमवी का गुणवत्ता प्रमाणपत्र तथा भुगतान की कार्यवाही कूचरिचत व अप्राधिकृत रूप से संपादित की गई। पुलिस ने रामजी उपाध्याय के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचित करीके से कागजों में हेराफेरी करने समेत अन्य आरोप में मामला पंजीकृत किया है।