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फर्जी आधार कार्ड पर दोनों युवतियां रह रही थीं किराए के मकान में

सुरक्षा में सेंध लगाते हुए लखनऊ से गायब एक समुदाय वि

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:38 PM (IST)
फर्जी आधार कार्ड पर दोनों युवतियां रह रही थीं किराए के मकान में
फर्जी आधार कार्ड पर दोनों युवतियां रह रही थीं किराए के मकान में

जागरण संवाददाता, अहरौरा (मीरजापुर) : सुरक्षा में सेंध लगाते हुए लखनऊ से गायब एक समुदाय विशेष की दो युवतियां फर्जी आधार कार्ड पर अहरौरा स्थित एक किराए के मकान में रह रही थीं। युवती से युवक बनी अली रेन के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवा कर मकान मालिक को दिया था। इसके आधार पर दोनों लगभग साढ़े तीन माह तक किराए पर एक मकान लेकर साथ रहीं। इतना ही नहीं, फर्जी आधार कार्ड पर अली रेन ने नौकरी भी पा ली थी। इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं हो सकी। फर्जी आधार कार्ड के बाबत पूछे जाने पर पुलिस मामले से अनभिज्ञता जता रही है।

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लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले से गायब एक समुदाय विशेष की दो युवतियों में से एक ने युवक का रूप बना लिया और फर्जी आधार कार्ड भी युवक के नाम से बनवा लिया था। आधार कार्ड पर भी उसने अपने उसी रूप की फोटो भी लगाई थी। इससे किसी को कोई शक नहीं हुआ। मामले से पर्दा तब उठा, जब गायब दोनों युवतियों के स्वजन उन्हें किसी माध्यम से ढूंढ़ते हुए अहरौरा के पट्टी कला स्थित उस घर में पहुंच गए। वहां दोनों एक साथ किराए के मकान में रह रही थीं। गायब युवतियों के स्वजनों द्वारा लखनऊ के चिनहट थाने में साढ़े तीन माह पूर्व गुमशुदगी का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। सहेली ने स्वजनों को दी जानकारी

दोनों युवतियां लखनऊ स्थित अपने घर के पास रहने वाली एक सहेली से आए दिन फोन पर बातचीत करती थीं। इसी दौरान इन युवतियों ने अपनी सहेली के यहां की सारी जानकारी दी। उस सहेली ने उनके स्वजनों को बता दिया कि वे मीरजापुर जनपद के अहरौरा स्थित पट्टी कला में एक मकान में किराए पर रहती हैं। पूरी जानकारी लेने के बाद युवतियों के स्वजन गुरुवार को यहां पहुंच गए थे।

-उसी घर में चलाता है मिनी बैंक

जिस मकान में फर्जी आधार कार्ड पर दोनों युवतियां साथ रह रही थीं, उसी मकान में बैंक आफ बड़ौदा की मिनी शाखा चलती है। वहां आधार कार्ड के जरिए खाते से पैसा निकालने का कार्य होता है। ऐसे में अगर उसी मिनी बैंक के शाखा में रखे हुए फिगर प्रिटर द्वारा आधार कार्ड का सत्यापन किया गया होता तो पोल खुल जाती, लेकिन कुछ रुपयों की लालच में मकान मालिक द्वारा ऐसा नहीं किया गया। यही नहीं, अभी भी उस मकान में कई किराएदार रह रहे हैं। जिनका शायद ही आधार कार्ड का सत्यापन किया गया होगा।

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फर्जी आधार कार्ड पर रहने की जानकारी उन्हें नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी। मामला सही पाए जाने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राजेश चौबे, थानाध्यक्ष अहरौरा


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