कंबल कारखाने की मशीनों से विकास को मिलेगी गति
पथरहिया स्थित बंद कंबल कारखाने की मशीनें एक बार फिर अगले सप्ताह से चलना शुरू कर देंगी। कंबल कारखाने की मशीनों से जनपद के विकास का पहिया एक बार फिर तेजी से घुमेगा। कारखाना शुरु होने से पहले चरण में ही जनपद के लगभग 250 लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा तो लोगों को जनपद में बने बेहतरीन कंबल को एक बार फिर ओढ़ने का मौका मिलेगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : पथरहिया स्थित बंद कंबल कारखाने की मशीनें एक बार फिर अगले सप्ताह से चलना शुरू कर देंगी। कंबल कारखाने की मशीनों से जनपद के विकास का पहिया एक बार फिर तेजी से घूमेगा। कारखाना शुरू होने से पहले चरण में ही जनपद के लगभग 250 लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा तो लोगों को जनपद में बने बेहतरीन कंबल को एक बार फिर से ओढ़ने का मौका भी मिलेगा।
ग्रामोद्योग विभाग ने पिछले एक दशक से बंद पड़ी कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति मिलने के बाद लिया है। कारखाने में तैयार कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती थी, लेकिन निर्माण बंद होने के कारण लोगों को काफी निराशा हुई। कंबल कारखाना खुलने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिल सकेगा। कंबल तैयार करने में 67 प्रतिशत ऊन तथा 33 प्रतिशत फाइबर मिक्स का उपयोग किया जाता है। विभाग द्वारा फाइबर को ताना के रूप में प्रयोग किया जाएगा। कंबल कारखाना शुरु होने से पहले चरण में ही 200 से 250 लोगों को रोजगार मिलेगा और जैसे जैसे कारखाने की मशीनों और डिमांड बढ़ेगी वैसे वैसे लगभग 500 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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महिलाओं को हुनर दिखाने का मिलेगा मौका
पथरहिया में कंबल कारखाना खुलने के बाद गृहणी महिलाओं को भी अपना हुनर दिखाने के साथ ही धन कमाने का मौका मिलेगा। एक किलो सूत काटने पर महिलाओं को 200-250 रूपए तक की आमदनी होगी। महिलाएं एक दिन में एक किलो तक सूत काट सकती हैं।
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महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जवाहर लाल ने बताया कि इसके साथ ही 25-25 महिलाओं को सूत काटने व कंबल तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद महिलाओं को गांधी आश्रम से जोड़ा जाएगा, जिससे उनको अनवरत रोजगार मिलता रहे।
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कंबल कारखाना बीते एक दशक से बंद था, जिसको सरकार द्वारा चालू कराया जा रहा है। इसको चालू कराने के लिए मशीन पर 4 लाख व शेड आदि पर तीन लाख का खर्च किया गया है। कारखाने में पहले चरण में तैयार कंबल को आपदा विभाग को आपूर्ति की जाएगी। इससे लोगों को रोजगार के भी अवसर मिलेगा।
- जवाहर लाल, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, मीरजापुर।