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हाथ पर काली पट्टी बांध शिक्षकों ने जताया विरोध

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के तत्वावधान में शिक्षकों ने गुरुवार को बांह में काली पट्टी बांधकर स्कूलों में शिक्षण कार्य करते हुए विरोध जताया। शिक्षकों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली सहित 12 सूत्री मांग की जा रही है और इसको लेकर आंदोलनरत है। बरियाघाट में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने कहाकि सरकार शिक्षकों की जायज मांगों को पूरा करें। आंदोलन के तहत आगामी 21 जनवरी को बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्रक भेजा जाएगा। इसके लिए शिक्षक आगामी 21 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 07:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:09 AM (IST)
हाथ पर काली पट्टी बांध शिक्षकों ने जताया विरोध
हाथ पर काली पट्टी बांध शिक्षकों ने जताया विरोध

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के तत्वावधान में शिक्षकों ने गुरुवार को बांह में काली पट्टी बांधकर स्कूलों में शिक्षण कार्य करते हुए विरोध जताया। शिक्षकों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली सहित 12 सूत्री मांग की जा रही है और इसको लेकर आंदोलनरत है। बरियाघाट में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने कहाकि सरकार शिक्षकों की जायज मांगों को पूरा करें। आंदोलन के तहत आगामी 21 जनवरी को बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्रक भेजा जाएगा। इसके लिए शिक्षक आगामी 21 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।

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मंडलीय मंत्री गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षक कई महीनों से आंदोलनरत है, लेकिन सरकार द्वारा शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए कोई भी सकारात्मक प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिला मंत्री बलवंत सिंह, अध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता, जितेंद्र बहादुर सिंह, विजय शंकर त्रिपाठी, उमाकांत मिश्रा, आलोक तिवारी ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। शान मोहम्मद, मंगला सिंह, मनोज राय, विध्येश त्रिपाठी, राजेंद्र यादव, बैजनाथ सिंह, आलोक सिंह, राजेश कुमार, इंद्रभूषण उपाध्याय, सर्वेश मौर्य, सुशील कुमार सिंह, संतोष सिंह, आजाद आदि शामिल रहे।

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उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ की मांगें-

-एक अप्रैल 2005 से पुरानी पेंशन लागू करें।

-प्राथमिक विद्यालय में 05 सहायक व एक प्रधानाध्यापक की तैनाती।

-विद्यालय में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।

-प्रत्येक विद्यालय में लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात हो।

-प्रेरणा एप के क्रियान्वयन पर रोक लगे।

-विद्यालय के संविलयन पर रोक लगे।

-शिक्षकों की वेतन विसंगति पर दूर हो।

-राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा।

-शिक्षकों को आवासीय सुविधा मिले।


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