रेलवे ट्रैक रास्ते कानपुर से चले बिहार को, आरपीएफ ने रोका
रेलवे ट्रैक के रास्ते पैदल बिहार जाते समय चार लोगों को मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की टीम ने देर शाम रोक लिया। जानकारी होने पर सभी को खाना खिलाने के बाद प्लेटफार्म पर आराम कराने के लिए कहा गया। दूसरे दिन चुनार की तरफ जा रही एक सरकारी वाहन से चारों को आगे के लिए रवाना किया गया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : रेलवे ट्रैक के रास्ते पैदल बिहार जाते समय चार लोगों को मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की टीम ने देर शाम रोक लिया। जानकारी होने पर सभी को खाना खिलाने के बाद प्लेटफार्म पर आराम कराने के लिए कहा गया। दूसरे दिन चुनार की तरफ जा रही एक सरकारी वाहन से चारों को आगे के लिए रवाना किया गया।
बिहार प्रांत के अररिया निवासी अब्दुल हमीद, मो. अली हसन, मो. तकसीर, एजाज आलम कानपुर सेंट्रल में किसी निजी कंपनी में काम करते थे। कोरोना वायरस के चलते केंद्र सरकार द्वारा फरमान जारी होने के बाद पूरे देश में लाकडाउन होने के बाद सभी के पास काम नहीं रहा और जेब में रुपये भी नहीं और खाने के लिए सामान भी नहीं थे। जब घर के लिए निकले तो वाहन भी नहीं मिल रहे थे और सड़क पर लाकडाउन का भय। जिसके कारण चारों 26 मार्च की शाम रेलवे ट्रैक का रास्ता पकड़ लिया और बिहार के लिए चल दिए। 27 मार्च की शाम जब मीरजापुर रेलवे स्टेशन के ट्रैक से गुजर रहे थे तभी आरपीएफ की नजर उन सभी पर पड़ गई और चारों को थाने पर ले गई। जहां पूछताछ करने पर सभी ने अपनी दास्ता बयां की। इसी तरह पहाड़ा -डगमगपुर के मध्य एक व्यक्ति मिला जो मेजा रोड से पैदल चुनार जा रहा था। जिसे रोककर उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछने के बाद खाद्य सामग्री व पानी देते हुए चुनार स्थित उसके घर तक आरपीएफ वाहन से पहुंचाया गया।
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चारों अंधेरे में जा रहे थे और उन्हें आशंका होने पर रोका गया लेकिन सभी की आइडी व जांच पड़ताल करने के बाद खाना खिलाने के बाद सुबह आगे के लिए रवाना कर दिया गया।
-रजनीश राय, आरपीएफ प्रभारी मीरजापुर।