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विध्यवासिनी कारिडोर के विरोध में गूंजे स्वर

विध्य पंडा समाज की बैठक में मंगलवार को विध्यवासिनी कारिडोर के विरोध में स्वर गूंजे। लोगों ने कहा कि एक होकर विरोध करने की आवश्यता है और इतना तेज विरोध हो कि यहां से दिल्ली तक आवाज जानी चाहिए। किराएदार दुकान बंद करें उनका किराया माफ किया जाएगा। सभी घरों पर झंडा लगा कर इसका विरोध किया जाएगा। लोगों ने कहा कि मर जाएंगे लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 11:28 PM (IST)
विध्यवासिनी कारिडोर  के विरोध में गूंजे स्वर
विध्यवासिनी कारिडोर के विरोध में गूंजे स्वर

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्य पंडा समाज की बैठक में मंगलवार को विध्यवासिनी कारिडोर के विरोध में स्वर गूंजे। लोगों ने कहा कि एक होकर विरोध करने की आवश्यकता है और इतना तेज विरोध हो कि यहां से दिल्ली तक आवाज जानी चाहिए। किराएदार दुकान बंद करें उनका किराया माफ किया जाएगा। सभी घरों पर झंडा लगा कर इसका विरोध किया जाएगा। लोगों ने कहा कि मर जाएंगे लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।

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बैठक के दौरान सीमांकन की बात पर कहा गया कि 92 लोगों की जो भूमि इसकी जद में जा रही है उसका असली सीमांकन क्या है। केदार नाथ मिश्र ने कहा कि हम अपनी भूमि नहीं देंगे बल्कि प्राण दे देंगे। मोहित मिश्र ने कहा कि गलत तरीके से बरगलाने पर न आएं, पहले हर बात की तह तक जाएं। यदि कोई अधिकारी बुलाने आए तो सबसे पहले उस संदर्भ में जानकारी प्राप्त करें कि किसलिए बुलाया जा रहा है। विध्याचल में कहीं कोई नपाई हो तो उसका खुलकर विरोध किया जाएगा। केदार मिश्र ने कहा कि विकास भी नहीं होगा यदि मेरा विनाश हो रहा है। मंदिर का जो मुआवजा मिल रहा है वह न के बराबर है और लॉलीपाप साबित हो रहा है। अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कहा कि हम सभी इसके पूर्ण विरोध में हैं। नगर विधायक के सुझाव पर हम लोग अपनी बातें पत्रक के माध्यम से रखेंगे और हम लोग इसको लिखित रूप से देंगे। शनि दत्त पाठक ने कहा कि चार बार जिलाधिकारी ने बैठक लिया लेकिन हम लोगों को कोई जवाब नहीं मिल पाया। शिवांग त्रिपाठी बोले हम इस जमीन की लिखित कार्यवाही नहीं करेंगे। मोहित मिश्र ने मंदिर व्यवस्था के नियम पर सुझाव देते हुए कहा कि पंडा समाज की महिलाओं को ही नहीं, बल्कि गांव की महिलाओं को भी सुविधाएं एक होनी चाहिए। यदि हमारे परिजनों को कोई रोकता है कि तो इसका विरोध होगा। लोगों ने कहा कि सम्मान के खिलाफ मंदिर पर की गई कोई कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केदार मिश्र ने कहा कि यहां पर आए हुए अधिकतर यात्री यह कहते हुए जाते हैं कि यहां पर पंडा नहीं बल्कि गुंडा हैं। पंडा समाज के लोगों पर कार्रवाई का विरोध नहीं किया गया। शास्त्री ने कहा कि कि मंदिर के गर्भगृह में मोबाइल और सेल्फी नहीं लिया जाएगा। यदि कोई तीर्थपुरोहित किसी को गाली देता है उसको चिन्हित कर मंदिर व्यवस्था से हटाया जाए। तेजन गिरी ने कहा कि मंदिर व्यवस्था को लेकर कहा कि अभी तक पाठ पढ़ाया और कब पढ़ेंगे। निकास द्वार से प्रवेश के लिए सभी घरों को एक पहचान पत्र लिखकर दिया जाएगा और सभी को एक गणवेश में आना होगा। सभी नियमों का पालन हम लोग पहले खुद करें फिर दूसरों को कुछ कहें।


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