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पहली बाहर गुरु पूर्णिमा पर आश्रम में सन्नाटा, घर पर ही की उपासना

अवसर- गुरू पूर्णिमा का स्थान- अड़गड़ानंद आश्रम समय दोपहर के करीब साढ़े बारह बजे सब कुछ पिछले वर्ष जैसा ही लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण जिस आश्रम से लगायत कई किलोमीटर तक तिल रखने की जगह भी नहीं बचती थी वहां लोग आराम से आते जाते रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 06:22 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:22 PM (IST)
पहली बाहर गुरु पूर्णिमा पर आश्रम में सन्नाटा, घर पर ही की उपासना
पहली बाहर गुरु पूर्णिमा पर आश्रम में सन्नाटा, घर पर ही की उपासना

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : अवसर-गुरु पूर्णिमा का, स्थान-अड़गड़ानंद आश्रम, समय दोपहर के करीब साढ़े बारह बजे, सब कुछ पिछले वर्ष जैसा ही लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण जिस आश्रम से लगायत कई किलोमीटर तक तिल रखने की जगह भी नहीं बचती थी, वहां लोग आराम से आते जाते रहे। वहीं सत्संग हाल जिसमें पिछले वर्ष तक प्रवेश के साथ गुरु महाराज स्वामी अड़गड़ानंद महाराज की एक झलक पाने को आतुर भक्त एक-दूसरे पर चढ़े जाते थे।

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इस बार गिने चुने कुछ भक्तों ने छोटे महाराज के रूप में विख्यात नारद महाराज का प्रवचन सुना। वहीं पुलिस की जीप पर लगे माइक से बराबर शारीरिक दूरी बनाने की अपील प्रसारित होती रही।

गुरु-शिष्य परंपरा के अनूठे पर्व गुरु पूर्णिमा पर इस बार कोरोना संकट की काली छाया पड़ी तो गुरु ने अपने भक्तों से घरों में रहने की अपील की। स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने पिछले करीब एक महीने से लगातार यह संदेश प्रसारित कराया कि लोग इस बार आश्रम न आएं लेकिन फिर भी भक्त अपने गुरु के दर्शन की लालसा लिए रविवार को सुबह आश्रम पहुंचने लगे। हालांकि पिछले वर्ष जहां यह संख्या लाखों में होती थी वहीं इस बार हजारों में भी नहीं दिखी। आश्रम के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन चेंबर बनाया गया था। इससे होकर ही भक्त दर्शन-पूजन के लिए अंदर प्रवेश कर रहे थे और धुनि के सामने माथा टेक कर वापस हो रहे थे। आश्रम व्यवस्थापक नारद महाराज के निर्देश पर आश्रम प्रशासन के स्वयंसेवक लगातार शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए लोगों से कह रहे थे और अंदर आने के बाद दर्शन के उपरांत लोगों को बाहर भेज दिया जा रहा था। सुरक्षा की दृष्टि से सीओ सुशील कुमार यादव, नायब तहसीलदार नटवर सिंह, प्रभारी निरीक्षक चुनार राजीव कुमार मिश्रा, एसओ अदलहाट प्रमोद यादव, अहरौरा राजेशजी चौबे, जमालपुर अश्विनी तिवारी समेत अन्य पुलिसकर्मी मुस्तैद दिखे। भक्ति-भाव से समर्पित होकर

करें गुरु की नि:स्वार्थ सेवा

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आश्रम पहुंचे भक्तों को गुरु का महत्व बताते हुए नारदजी महाराज ने कहा कि भक्ति-भाव से समर्पित होकर गुरु की नि:स्वार्थ सेवा करना चाहिए, तभी प्रेम रुपी परमात्मा की प्राप्ति हो सकेगी। गुरु के बताए रास्ते पर चलने का भी प्रयास करने से सांसारिक भवसागर से मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि यथार्थ गीता मानव मात्र का धर्मशास्त्र है, जो जीवन जीने की कला भी सिखाती है। सबको इसका अनुसरण करना चाहिए। यथार्थ गीता को जीवन का दर्पण बताते हुए कहा कि यह तमाम प्रकार की भ्रांतियों को नष्ट कर अंधकार से प्रकाश की तरफ ले आती है। वहीं तानसेन महाराज गुरु महिमा का वर्णन करते हुए भजन के माध्यम से भक्ति के रस में भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कोरोना महामारी के मद्देनजर आश्रम परिसर एवं रास्तों को ऑटोमैटिक मशीन से लगातार सैनिटाइज्ड कराया जाता रहा। मेन गेट पर भी सेनिटाइजेशन सिस्टम लगाया गया था। भक्तों की गाड़ी व सामानों को भी सैनिटाइज किया जा रहा था।


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