..और अफसरों के सामने नहीं पकड़ पाई वाइपर
जिला महिला अस्पताल में बुधवार को निरीक्षण करने पहुंची यूपीएचएसपी टीम का सामना उस वक्त हकीकत से हो गया जब डेढ़ वर्ष से सफाईकर्मी के पद पर तैनात महिला सफाईकर्मी से टीम ने अपने सामने की सफाई करवा ली। महिला ठीक से वाइपर भी नहीं पकड़ पाईं और सफाई में इस्तेमाल किए जाने वाले फिनायल का नाम तक नहीं बता पाईं। टीम ने दिन भर के निरीक्षण में महिला अस्पताल की कई खामियां पकड़ीं जिस पर अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिला महिला अस्पताल में बुधवार को निरीक्षण करने पहुंची यूपीएचएसपी टीम का सामना उस वक्त हकीकत से हो गया जब डेढ़ वर्ष से सफाईकर्मी के पद पर तैनात महिला सफाईकर्मी से टीम ने अपने सामने ही सफाई करवा ली। महिला ठीक से वाइपर भी नहीं पकड़ पाईं और सफाई में इस्तेमाल किए जाने वाले फिनायल का नाम तक नहीं बता पाईं। टीम ने दिनभर के निरीक्षण में महिला अस्पताल की कई खामियां पकड़ीं जिस पर अधिकारियों से जवाब-तलब किया।
यूपी हेल्थ स्ट्रें¨न्थग प्रोजेक्ट (यूपीएच एसपी) की टीम बुधवार को सुबह करीब 11 बजे जिला महिला अस्पताल पहुंची। वे सीधे लेबर रूम में गए और भर्ती महिलाओं से बातचीत की। वहां पर तैनात महिला चिकित्सक, महिला नर्स आदि से कागजात की जानकारी ली। टीम आगे बढ़ी तो धुलाई करने की जगह पर गंदगी और बड़े पेड़ों को देखकर रुक गई। पेड़ों की छंटाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद आगे बढ़ने पर खुला नाला दिखा जो जाम था। इस पर सुपरवाइजर से पूछताछ की गई तो उसने कर्मचारी कम होने का बहाना बनाया। इस पर टीम के अधिकारियों ने रोस्टर से सफाई करने के निर्देश दिए। इसी दौरान एक महिला सफाईकर्मी वाइपर व फिनायल से लदी एक ट्राली लेकर पहुंची। टीम के सदस्यों ने महिला से फिनायल के बारे में पूछा कि यह क्या है तो वह जवाब नहीं दे पाई और इधर-उधर देखने लगी। इसके बाद टीम ने उससे सफाई करवाई तो महिला सफाईकर्मी को ठीक से वाइपर पकड़ने भी नहीं आया। यह देखकर सभी लोग भौचक रह गए। महिला ने बताया कि वह डेढ़ साल से यह काम कर रही है, जबकि बचाव में आया सुपरवाइजर यह दलील देता रहा कि इसे दो-तीन दिन पहले ही काम पर रखा गया है। टीम ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई का दौरा किया, जहां की अव्यवस्था देखकर सवाल जवाब किया गया। इसके बाद टीम ने रसोईघर, बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्शन सेंटर, अस्पताल की ओपीडी आदि का दौरा कर कई खामियां पकड़ी और इसे दूर करने के निर्देश दिए।
कारपोरेट लुक में दिखा अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण को देखते हुए महिला अस्पताल को कारपोरेट लुक दिया गया। मुख्य प्रवेश द्वार को आम मरीजों के लिए बंद कर दिया गया ताकि भीड़ व गंदगी न हो। वहीं फूलों के गमले भी सजाए गए। साफ-सफाई करके फर्श चमकाया गया। वाल पें¨टग कराई गई और कई भवनों का रंग-रोगन हुआ। नए-नए डस्टबिन रखे गए। यहां तक रसोईघर के पास भी डस्टबिन नहीं था तो नया मंगाकर दिखावे के लिए रखा गया। सफाई के सामान भी सब नए थे। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में जूता पहनकर नहीं जा सकते। इसके लिए एक नई चप्पलें रखी गईं थीं ताकि निरीक्षण करने वाली टीम को कमी न दिखे। लेकिन टीम ने नये सामानों की बाबत सवाल कर सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
गुरुवार को भी टीम का निरीक्षण
यह टीम गुरुवार को भी महिला अस्पताल का निरीक्षण करेगी और आवश्यक जरूरतों की सूची बनाई जाएगी। टीम के सदस्यों ने कहा कि जल्द ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।