14 वर्ष बाद हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा
विधि संवाददाता मीरजापुर विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट न्यायाधीश अमित कुमार यादव प्रथम ने हत्
विधि संवाददाता, मीरजापुर : विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट न्यायाधीश अमित कुमार यादव प्रथम ने हत्या के आरोपित फकीर उर्फ राजेंद्र विश्वकर्मा को दोष सिद्ध होने पर बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दस हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया।
अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा डा. शंकर शास्त्री पुत्र स्वर्गीय चुन्नीलाल निवासी करोड़ी थाना अदलहाट ने नौ मार्च 2007 को अदलहाट थाने में तहरीर दी। बताया कि उनके बड़े लड़के शिवकांत राम को गांव के ही फकीर उर्फ राजेंद्र विश्वकर्मा व बलवंत उर्फ शकीर विश्वकर्मा पुत्रगण लालवती विश्वकर्मा 28 फरवरी 2007 की शाम सात बजे घर पर आकर सुकृत चलने को कहा। उनका लड़का शिवकांत राम वादी मुकदमा व घरवालों को जानकारी देते हुए उनके साथ चले गए। दो मार्च 2007 की सुबह सात बजे फकीर विश्वकर्मा ने उनके घर आकर बताया कि हम दोनों वापस आ गए हैं। आपका लड़का आया कि नहीं, यह पूछते हुए चला गया। वादी मुकदमा जब अपने लड़के को खोजते हुए बाजार पहुंचे तो पता चला कि हकानीपुर नहर में एक युवक का शव मिला है। वहां जाकर देखा तो वह शव उनके बेटे शिवकांत राम की थी। पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध मुदकमा में दर्ज कर उनको जेल भेज दिया। अभियोजन अधिकारी अजय कुमार यादव व विशेष लोक अभियोजक प्रदीप कुमार सिंह ने कुल नौ गवाहों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। इसी दौरान आरोपित बलवंत उर्फ शकीर की मृत्यु हो गई। न्यायालय द्वारा तथ्य, परिस्थितियों व गवाहों के आधार पर अभियुक्त फकीर उर्फ राजेंद्र विश्वकर्मा को दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।