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निर्माण के एक साल बाद ही गड्ढे में तब्दील भटौली रोड

सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सारी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान जारी किया था फिर भी उसपर अमल नहीं किया जा रहा हैं। आज भी जनपद की सड़के गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई है। स्थिति जस की तस बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 09:24 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:11 AM (IST)
निर्माण के एक साल बाद ही गड्ढे में तब्दील भटौली रोड
निर्माण के एक साल बाद ही गड्ढे में तब्दील भटौली रोड

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सारी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान जारी किया था फिर भी उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। आज भी जनपद की सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई है। स्थिति जस की तस बनी हुई है। राहगीर उसी गड्ढे वाली सड़क में यात्रा करने को विवश है जैसा कि कुछ वर्ष पहले कर रहे थे। कुछ ऐसा ही हाल भटौली रोड का है जो निर्माण के एक साल बाद ही गड्ढे में तब्दील हो गई।

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लगभग साढ़ सात करोड़ रुपये की लागत से आठ किलोमीटर लंबी बनी यह सड़क मानक के अनुरूप नहीं बनाए जाने के चलते एक साल बाद ही जगह-जगह से उखड़ने लगी। स्थिति यह हो गई कि एक दर्जन स्थानों पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है, जिसपर लोगों का सफर करना मुश्किल हो गया है। वर्ष 2013 में भटौली रोड का निर्माण कराने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। सड़क निर्माण की लागत लगभग साढे सात करोड़ रुपये निर्धारित हुई थी। टेंडर की प्रकिया पूरी होने पर सड़क निर्माण की जिम्मेदारी प्रयागराज जनपद के ठेकेदार विजय बहादुर को मिली थी। लगभग दो साल में वर्ष 2016 के दौरान यह सड़क बनकर तैयार हुई। पांच मीटर चौड़ी इस सड़क को पांच साल तक चलने की गारंटी दी गई थी, लेकिन निर्माण के एक साल बाद ही 2017 में जगह जगह से उखड़ने लगी। स्थिति यह हो गई कि मसारी, नुआव, विजयपुरा, गुरसंडी, सरैया, कांशीराम आवास, मवैया समेत दर्जनों स्थानों पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है जिसमें आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। फिर भी लापरवाही ठेकेदार के विरुद्ध आज तक कार्रवाई नहीं हुई है । इनसेट

अधिकारियों की लापरवाही से टूटती हैं सड़कें

लोक निर्माण विभाग की लापरवाही से सड़कें टूटती है। निर्माण के दौरान अधिकारियों द्वारा उसकी मानिटरिग नहीं करने के चलते ठेकेदार इन सड़कों को मानक के अनुरूप नहीं बनाते हैं। ठीक से सड़कों पर गिट्टी डालकर उसकी पैचिग नहीं करने से सड़के पहली बारिश में टूटकर नष्ट हो जाती है । इनसेट

तीन साल में तीन बार कराया जा चुका है मरम्मत

भटौली रोड का तीन साल में तीन बार मरम्मत कार्य कराया गया है। जिसमें लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। फिर भी सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। लेकिन एक बार भी ठेकेदारों का भुगतान नहीं रोका गया। इनसेट

दो सालों में दस से अधिक हुई दुर्घटनाएं

भटौली रोड पर सड़क खराब होने के चलते दो साल के अंदर दस से अधिक घटनाए हुई है। इसमें राकेश कुमार, अजय कुमार, रामबाबू, शीतला प्रसाद, लीलावती आदि लोग वाहनों की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। इनसेट एक

जर्जर सड़क पर चलना हुआ मुश्किल

गुसरंडी निवासी रोहित बिद का कहना है कि सड़क की स्थिति काफी खराब है। जर्जर होने के चलते इसपर चलना बहुत मुश्किल हो गया है। इस सड़क की तत्काल मरम्मत कराया जाए। इनसेट दो

अभी तक एक भी सड़क गड्ढा मुक्त नहीं

मसारी निवासी पंचम सिंह ने कहा कि योगी ने सरकार बनने के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था लेकिन उनका यह निर्देश हवा हवाई ही रह गया। अभी तक एक भी सड़क को गड्ढा मुक्त नहीं किया गया है। इनसेट तीन

सड़क निर्माण के नाम पर करोड़ों गटक गए

विजयपुरा निवासी राजू यादव कहना है कि भटौली रोड के निर्माण व मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए हैं लेकिन सड़क की स्थिति जस की तस बनी हुई है अधिकारी व ठेकेदार मिलीभगत कर कागजों पर सड़क कर निर्माण कराकर आए हुए बजट को गटक गए है। इसकी जांच कराई जाए तो कई लोग इसमें नप जाएंगे।

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सड़क निर्माण की जांच कराने की मांग

नुवाव निवासी मुरारी यादव का कहना है कि भटौली रोड के निर्माण व मरम्मत में काफी घोटाला गया है कि जिसकी जांच कराकर अधिकारियों और ठेकदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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जनपद में सड़क निर्माण के नाम पर करोड़ों का घोटाला

नुनाव निवासी हीरालाल यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री जनपद में हुई एक एक सड़क निर्माण व मरम्मत की जांच कराए तो अरबों रुपये का घोटाला उजागर होगा। क्योंकि अधिकारियों व ठेकेदारों ने सड़क निर्माण के नाम पर जमकर घोटाला किया है। वर्जन

जो भी सड़क पांच साल के अंदर खराब होगी उसको मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क का निर्माण नहीं करने पर ठेकेदार का भुगतान रोक दिया जाएगा।

-देवपाल अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड


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