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शौचालय निर्माण में आठ गांव अव्वल तो दो फिसड्डी साबित

विकास खंड के ग्राम पंचायतों में शौचालय एवं स्वच्छता अभियान पर पैसा पानी की तरह बहाए जाने के बाद भी खुले में शौच पर नियंत्रण लगा पाने में सफलता नहीं मिल पा रही है। ब्लाक के अधिकारियों के तमाम प्रयास के बाद भी लोगों के बाहर में शौच करने की सोच में बदलाव न आ पाना स्वच्छता अभियान पर ग्रहण लगा रहा है। गांवों में गठित निगरानी समितियां भी निष्क्रिय हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 07:42 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 07:42 PM (IST)
शौचालय निर्माण में आठ गांव 
अव्वल तो दो फिसड्डी साबित
शौचालय निर्माण में आठ गांव अव्वल तो दो फिसड्डी साबित

जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : विकास खंड के ग्राम पंचायतों में शौचालय एवं स्वच्छता अभियान पर पैसा पानी की तरह बहाए जाने के बाद भी खुले में शौच पर नियंत्रण लगा पाने में सफलता नहीं मिल पा रही है। ब्लाक के अधिकारियों के तमाम प्रयास के बाद भी लोगों के बाहर में शौच करने की सोच में बदलाव न आना स्वच्छता अभियान पर ग्रहण लगा रहा है। गांवों में गठित निगरानी समितियां भी निष्क्रिय हो गई हैं।

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विकास खंड के 99 ग्राम पंचायतों में 17360 शौचालय का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लक्ष्य के सापेक्ष अबतक 16024 शौचालयों का फोटो अपलोड किया जा सका है। अभी भी 1336 शौचालय अधूरे पड़े हुए हैं। ग्राम पंचायतों में लक्ष्य के सापेक्ष 92.30 प्रतिशत शौचालय का निर्माण हो जाने के बाद भी खुले में शौच पर लगाम न लग पाना ¨चता की बात है। क्षेत्र के हसौली-बड़भुइली संपर्क मार्ग पर भाईपुर खुर्द एवं सकरौडी गांव के पास सड़क पर दुर्गंध से लोगों का चलना दुश्वार है। इसी प्रकार सहिजनी, रीवा, जयपट्टी, मठना, सरसा, खडेहरा, मनई, जलालपुर सहित कई अन्य गांवों के सामने दुर्गंध से लोगों को आने-जाने में मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है 99 ग्राम पंचायतों वाले विकास खंड में आठ गांवों में सौ प्रतिशत, 62 गांवों में 90 प्रतिशत के ऊपर, 19 गांवों में 80 प्रतिशत से ऊपर, सात गांवों में 70 प्रतिशत के बीच शौचालय पूरे हो चुके हैं। जफरपुरा गांव में मात्र 48 प्रतिशत ही शौचालय पूरे हो पाए हैं। यह गांव शौचालय निर्माण में फिसड्डी साबित हुआ है, वहीं जमालपुर मिल्की ग्राम पंचायत में भी शौचालय साठ प्रतिशत का आंकड़ा पूरा नहीं कर सका है। शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण करा चुके गांवों में ओइनवां, ओडी, रामपुर, सहिजनी कलां खुर्द, सकरौडी, दादो, बिसौरा कलां एवं गोगहरा अव्वल साबित हुए हैं। अभियान चलाकर शौचालय निर्माण कराए जाने के बाद भी अबतक खुले में शौच की प्रवृत्ति में बदलाव न होना ¨चतनीय विषय है। वर्जन-----------

ग्राम प्रधान एवं सचिवों को अविलंब लक्ष्य पूरा करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं गांव को शौच मुक्त बनाने की हिदायत दी गई है। जो गांव अतिशीघ्र लक्ष्य पूरा नहीं करेंगे वहां कठोर कारवाई की जाएगी।

-संतोष श्रीवास्तव एडीओ पंचायत


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