Move to Jagran APP

भुगतान करने की बजाय खुद ही निकाल लिया धन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : हलिया विकास खंड के विद्यालयों में ड्रेस वितरण के बाद शेष 25 फीसद धनराशि का भुगतान वितरक को न करके प्रधानाध्यापकों द्वारा स्वयं ही आहरित करने का आरोप लगाया गया है। तहसील दिवस व अन्य मंचों में मामला उठाने पर भी इसका हल नहीं निकला तो

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 07:06 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 07:06 PM (IST)
भुगतान करने की बजाय खुद ही निकाल लिया धन
भुगतान करने की बजाय खुद ही निकाल लिया धन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : हलिया विकास खंड के विद्यालयों में ड्रेस वितरण के बाद शेष 25 फीसद धनराशि का भुगतान वितरक को न करके प्रधानाध्यापकों द्वारा स्वयं ही आहरित करने का आरोप लगाया गया है। तहसील दिवस व अन्य मंचों में मामला उठाने पर भी इसका हल नहीं निकला तो विधिक कार्रवाई हुई। वहां से भी स्पष्ट आदेश के बाद भी मामला अभी तक लटका है।

loksabha election banner

कोन विकास खंड के अनुरूद्धपुर पूरब पट्टी निवासी दिनेश प्रसाद ने हलिया विकास खंड के परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2014-15 में यूनिफार्म के लिए कपड़े की आपूर्ति की थी। कपड़े के लिए 75 फीसद भुगतान कर दिया गया लेकिन शेष 25 फीसद धन का भुगतान नहीं किया गया। जब दिनेश प्रसाद ने बकाए भुगतान की मांग की तो उनसे कहा गया कि कपड़ा गुणवत्ता युक्त नहीं है। यह कहकर शेष धन का भुगतान नहीं किया गया। वितरक का आरोप है कि उस शेष धनराशि का भुगतान संबंधित प्रधानाध्यापक ने स्वत: आहरित कर लिया। इस संबंध में तहसील दिवस में आवेदन किया गया। जब वहां से राहत नहीं मिली तो भुक्तभोगी ने न्यायालय में वाद दाखिल किया। न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया कि सक्षम अधिकारी इस संबंध में नियमानुसार आदेश पारित करेंगे ताकि भुगतान न होने की दशा में धनराशि शासन को वापस की जा सके।

------

गुणवत्ता युक्त कपड़ा दिया

मैने यूनिफार्म के लिए मानक के अनुसार सैंपल देकर गुणवत्ता युक्त कपड़े की आपूर्ति की लेकिन बकाया धनराशि के लिए मुझे बार-बार दौड़ाया गया और अंत में कहा गया कि कपड़ा मानक के अनुसार नहीं था। गुणवत्ता युक्त नहीं था इसलिए शेष धनराशि नहीं दी जा सकती।

- दिनेश प्रसाद, कपड़ा आपूर्ति कर्ता।

-------------

गुणवत्ता युक्त नहीं था कपड़ा

जिस कपड़े की सैंप¨लग की गई वह ठीक था। इसलिए 75 फीसद धनराशि चेक से दे दी गई।

- डा. प्रभाशंकर पांडेय, तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी हलिया।

----------------

भुगतान हो चुका है

जिस कपड़े की आपूर्ति की गई है उसका भुगतान किया जा चुका है। इस आपूर्तिकर्ता ने 36 विद्यालयों में आपूर्ति की थी। 75 फीसद धन अग्रिम दे दिया गया था शेष धन बियरर चेक के माध्यम से ले लिया गया और अब कहा जा रहा है कि धन नहीं मिला। 32 विद्यालयों का धन दिया जा चुका है। शेष चार के प्रधानाध्यापक अवकाश प्राप्त कर चुके हैं। उनसे कोई संपर्क नहीं है।

- प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए मीरजापुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.