सांस व बुखार-खांसी के 158 मरीज पहुंचे मंडलीय चिकित्सालय, हड़कंप
जागरण संवाददाता मीरजापुर मंडलीय चिकित्सालय में बुधवार को सांस बुखार व खांसी के 158 मर
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंडलीय चिकित्सालय में बुधवार को सांस, बुखार व खांसी के 158 मरीजों के पहुंचने से हड़कंप मच गया। चिकित्सकों ने सभी को कोरोना जांच कराने कराने का निर्देश देते हुए उन्हें बुखार की दवा दी। 25 लोगों की तबीयत अधिक खराब होने पर उन्हें भर्ती कर लिया गया। बताया कि जिन लोगों को सांस लेने में अधिक दिक्कत हो रही है, उन्हें भर्ती कर ऑक्सीजन लगाया गया है। रिपोर्ट आने पर वे पॉजिटिव पाए गए तो उनको कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा, जिनको कम परेशानी थी, उनको दवाएं देकर छोड़ दिया जा रहा है।
जनपद में बढ़ते कोरोना का असर दिखने लगा है। लोगों की ओर से लगातार बरती जा रही लापरवाही के कारण बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ जैसी समस्या से जूझने लगे हैं। आराम नहीं मिलने पर चिकित्सालय इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। बुधवार को 158 कोरोना के संदिग्ध मरीजों के पहुंचने से चिकित्सालय प्रशासन परेशान हो गया। अधिकांश लोगों को बुखार, सर्दी, खांसी, व सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। यह देख सभी को पहले कोरोना की जांच करने के लिए बोला गया। आने वाले मरीजों में ज्यादातर लोग नगर के ही बताए गए। जिन मरीजों को सांस की दिक्कत हो रही थी उनको आक्सीजन लगाया गया। चिकित्सकों ने कोविड -19 नियमों का पालन करते हुए सभी को देखने के बाद दवाएं भी दी। बताया गया कि चिकित्सालय में कुल 155 बेड हैं। इसमें 35 बेड का मेडिकल वार्ड, 35 का सर्जिकल वार्ड व 35 बेड का महिला वार्ड है। 20 बेड का चिल्ड्रेन वार्ड, 12 बेड का इमरजेंसी वार्ड व छह बेड का डेंगू वार्ड है। 13 बेड का महिला व पुरुष बर्न वार्ड है। इसमें से बीमार मरीजों के चलते 120 बेड भर चुके हैं। 35 बेड बचे हैं। जबकि कोरोना का चिकित्सालय अलग से बनाया गया है। आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ने से आक्सीजन की अभी कोई कमी नहीं है। मंडलीय और ट्रामा सेंटर में ऑक्सीजन का सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में है। कमी पड़ने पर वाराणसी व मीरजापुर से मंगवाया जाता है। वर्जन
बुधवार को बीमार मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। संदिग्ध लगने पर इनको कोरोना की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने पर ही इनकी पुष्टि होगी कि ये वायरस से ग्रसित हैं या नहीं। फिलहाल यहां अभी ठीक चल रहा है।
- डा. कमल कुमार, सीएमएस मंडलीय चिकित्सालय