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45 दिन पूर्व बिहार से बरात ले आए लोगों को किया रवाना

स्थानीय पुलिस चौकी के ठीक पीछे 17 मार्च को मुस्तफा के लड़के की बरात गई थी तथा 23 मार्च को उसी मुस्तफा के दो बेटियों की बरात भी बिहार से ही आई थी। इसी बीच अचानक कोविड-19 में लॉकडाउन होने के नाते मुस्तफा के सैकड़ों रिश्तेदार फंस गए थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 07:14 PM (IST)
45 दिन पूर्व बिहार से बरात 
ले आए लोगों को किया रवाना
45 दिन पूर्व बिहार से बरात ले आए लोगों को किया रवाना

जासं, पटेहरा (मीरजापुर) : स्थानीय पुलिस चौकी के ठीक पीछे 17 मार्च को मुस्तफा के लड़के की बरात गई थी तथा 23 मार्च को उसी मुस्तफा के दो बेटियों की बरात भी बिहार से ही आई थी। इसी बीच अचानक कोविड-19 में लॉकडाउन होने के नाते मुस्तफा के सैकड़ों रिश्तेदार फंस गए थे। जिन्हें राशन और दवा की चिता प्रशासन को करनी पड़ी थी। उपजिलाधिकारी मड़िहान विमल कुमार दूबे की पहल पर सभी फंसे बिहारियों की स्वास्थ्य परीक्षण पीएचसी प्रभारी डॉ. वाजिद जमील द्वारा करने के साथ मास्क वितरण कर रोडवेज बस को सैनिटाइज करवा कर हरी झंडी दिखाकर 95 बिहार के लोगों को सरकारी खर्चे से वापस भेजा गया।

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हैदराबाद से पैदल चोपन को निकले श्रमिक

पटेहरा : हैदराबाद से करईल थाना कोन सोनभद्र हेतु निकले विश्वनाथ, जगदीश, मुन्नीलाल और भोला को मड़िहान जा रहे ट्रैक्टर पर बैठा कर ग्रामीणों ने भेज दिया। श्रमिकों ने बताया कि घर से ठेकेदार बिल्डिग में काम कराने को हैदराबाद ले गया था, लॉकडाउन में एक सप्ताह तक साथ रहा बाद में वह चुपके से भाग गया। किसी प्रकार एक हजार रुपये चंदा प्राप्त कर पैदल घर को निकलना पड़ा।


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