महाराष्ट्र से पैदल चलकर ड्रमंडगंज पहुंचे 35 श्रमिक
लॉकडाउन में साधन नहीं मिलने पर महाराष्ट्र से पैदल यात्रा कर बिहार वाराणसी भदोही आजमगढ़ के पैसा खत्म होने पर पैदल ही चल रहे हैं। बीच में कुछ ट्रक का सहारा मिल गया था। श्रमिकों ने बताया कि नागपुर में कोरोना का चेकअप कराया और पैदल ही घर के लिए निकले पड़े।
जागरण संवाददाता, हलिया (मीरजापुर) : लॉकडाउन में साधन न मिलने पर महाराष्ट्र से पैदल यात्रा कर बिहार, वाराणसी, भदोही, आजमगढ़ के लिए पैतीस श्रमिक निकल पड़े। रविवार को ड्रमंडगंज पहुंचे जहां कुछ देर आराम करने के लिए सड़क किनारे छांव में बैठ गए। इसी बीच मौके पर पुलिस पहुंच गई और सभी का मेडिकल परीक्षण कराया। साथ ही ग्रामीणों ने सभी श्रमिकों को जरूरत के हिसाब से भोजन भी कराया। हालांकि श्रमिकों ने बताया कि नागपुर में कोरोना का चेकअप कराया था।
श्रमिक विमलेश, गुड्डू, जितेंद्र, राजेश, मुन्ना, चंदन, मुकेश समेत पैतीस लोग महाराष्ट्र में रहकर कंपनी में कार्य करते थे लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन हो जाने से कार्य ब़ंद हो गया और ठेकेदार भी भाग गया। साथ ही मजदूरी भी नहीं दिया। जिसके कारण खाने पीने की समस्या हो गई। बताया कि 21 अप्रैल को पैदल ही घर के लिए चल दिए, पैदल चलते चलते ड्रमंडगंज दुर्जनीपुर पहुंचे। जहां पर ड्रमडगंज पुलिस जांच कराकर ही आगे जाने की बाध्यता कर दी। जिस कारण दूर शहर से अनजान श्रमिकों का जत्था प्रमोद पांडेय के मेडिकल पर दर्द की दवा लेने गए तो उन्होंने पूछा तो आप बीती कहानी बताई। उन्होंने तुरंत सभी श्रमिक को अपनी तरफ से लाई, नमकीन, बिस्किट और डेटाल साबुन दिया। ग्राम प्रधान ड्रमडगंज लवकुश केशरी, पिटू केशरी, विक्की, आशीष, शिवम ड्रमडगंज चौराहे पर नाश्ते के रूप में भोजन की व्यवस्था कराई।