दुग्ध समितियों का पराग डेयरी पर 28 लाख रुपये बकाया
जागरण संवाददाता मीरजापुर कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों से उपभोक्ता गायब हो गए हैं। दू
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों से उपभोक्ता गायब हो गए हैं। दूध से बने दही एवं पनीर आदि उत्पादों की बिक्री न होने से पराग के उत्पादों की बिक्री रुक गई है। इससे दूध उत्पादक समितियों का पराग पर लगभग 28 लाख का भुगतान अटक गया है। पराग डेयरी दूध उत्पादकों को लगभग 32 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध का भुगतान करता है।
शास्त्री पुल के पास स्थित पराग डेयरी की क्षमता 5000 लीटर है। हालांकि वर्तमान समय में 2300 लीटर दूध ही स्टोरेज हो रहा है। दिसंबर माह तक 4000 लीटर दूध स्टोरेज और खपत होती थी। पराग डेयर पर दूध आपूर्ति के लिए इन दिनों 79 समितियां हैं। इसके पहले 109 समितियां दूध की निर्वाध आपूर्ति करती थीं। पराग दुग्ध संघ समितियों के माध्यम से उत्पादकों को घी खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पराग के मैनेजर राजेश सोनकर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते शादी-विवाह में लोगों की संख्या में काफी कमी आई है। इससे दूध और उससे बने उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है। कोरोना संक्रमण का दर इन दिनों काफी तेजी से घट रहा है। आने वाले दिनों में पराग दूध व उसके उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी। दुग्ध समितियों को प्राथमिकता के आधार पर भुगतान कराया जाएगा।