200 लोगों से पूछताछ, फिर भी नहीं लगा सुराग
गायब होने के दूसरे दिन विंध्याचल की लेहड़िया बंधी में मिला था शव तिहरे हत्याकांड - ह
गायब होने के दूसरे दिन विंध्याचल की लेहड़िया बंधी में मिला था शव
तिहरे हत्याकांड
- हत्यारोपितों तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस
- उच्चाधिकारियों की जांच के बावजूद नहीं हो सका राजफाश जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लालगंज के बामी गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के दो महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। अभी तक लगभग 200 लोगों से इस मामले में पूछताछ हो चुकी है, फिर भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगे। अब अंधेरे में तीर चलाकर हत्यारोपितों की तलाश करने में जुटी हुई है।
एक दिसंबर को बामी गांव निवासी सुधांशु, शिवम व हरिओम तिवारी जंगल में बेर खाने के लिए निकले थे। इसी दौरान वे अबूझहाल में लापता हो गए। परिजन के साथ पुलिस उनकी खोजबीन कर रही थी, लेकिन वे नहीं मिले। दूसरे दिन उनका शव विध्याचल के लेहड़िया बंधी में मिला था। तीनों के आंखों से खून बह रहा था। पोस्टमार्टम में किसी नुकीले हथियार से उनकी आंखों पर हमला कर हत्या करने की बात कही गई। हत्या की पुष्टि होने के बाद एडीजी वाराणसी बृजभूषण ने एएसपी आपरेशन महेश अत्री के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। जो पिछले दो महीने से इस हत्याकांड को खोलने के लिए लगी हुई है। बावजूद इसके उसके हाथ अभी तक कोई सुराग नहीं लगे हैं। परिजनों ने सीएम को पत्र भेजकर गुहार लगाई है कि इस हत्याकांड का खुलासा करना अब पुलिस के बस की बात नहीं है। इसे सीबीआइ की खोल सकती है इसलिए मामले की जांच उसी को सौंप दी जाए, जिससे हत्यारोपितों का चेहरा बेनकाब हो सके। वर्जन
तिहरे हत्याकांड को खोलने के लिए पुलिस लगी हुई है। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।
महेश अत्री, एएसपी आपरेशन एवं एसआइटी प्रभारी