अमोई गांव में बनीं 200 फर्जी खतौनी, अब हो रही तलाश
जागरण संवाददाता मड़िहान (मीरजापुर) तहसील क्षेत्र के अमोई पुरवा गांव की 200 फर्जी खतौनी
जागरण संवाददाता, मड़िहान (मीरजापुर) : तहसील क्षेत्र के अमोई पुरवा गांव की 200 फर्जी खतौनी बनाकर फर्जी सत्यापन के तरीके धान बेचने का मामला खुलने लगा है। हालांकि अभी तक 67 फर्जी किसानों को चिन्हित करते हुए धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। तहसील के संविदा कर्मी को भी आरोपित बनाया गया है, लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि 200 खतौनी के सहारे बिचौलियों ने 30 हजार क्विटल से अधिक धान बेच दिया और करोड़ों का सरकार को चुना भी लगा दिया। सोया हुआ महकमा जगा तो फर्जी किसानों समेत एनसीसीएफ केंद्र प्रभारी संतनगर व संविदा कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लिया, लेकिन घोटाला एक केंद्र पर नहीं बल्कि मड़िहान तहसील क्षेत्र के कुल सात केंद्रों पर हुआ है। जहां चकबंदी के गांव की फर्जी खतौनी तैयार कर धान खरीद में प्रयोग किया गया है।
चकबंदी के गांव का सारा रिकॉर्ड चकबंदी ऑफिस में मौजूद है फिर भी मड़िहान तहसील से एसडीएम की आइडी से फर्जी खतौनियों सत्यापन होता रहा और बिचौलिए मालामाल भी होते रहे, लेकिन हकीकत जानने की कोशिश भी नहीं की गई। क्षेत्र के राजापुर चौकिया में एक बोर्ड लगा कर कागज में खरीद की जा रही है, धरातल पर आज तक किसानों ने धान बेचा ही नहीं है। जबकि ऑनलाइन खरीद में दस हजार क्विटल से अधिक हो चुकी है। राजापुर चौकिया पर हुई 12444 कुंतल की खरीद
जागृति उपभोक्ता शिवाय समिति क्रय केंद्र पर 12444 क्विटल धान अब तक बेचा गया है। हालांकि ज्यादातर किसान चकबंदी के गांव अमोई के ही हैं। जहां की खतौनी न तो तहसील से निकल रही है नहीं नेट पर है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि मामले की जांच की जाए तो यहां भी करोड़ों का घोटाला हुआ है ,क्योंकि जिन लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुए हैं, उसमें जांच में यह पाया गया है कि जिन गाटों का विवरण धान खरीद में किया गया है। उन फर्जी किसानों का उससे कोई वास्ता ही नहीं है।