गंगा में डूबे बड़े भाई का मिला शव, छोटे की तलाश जारी
जागरण संवाददाता मीरजापुर एनडीआरएफ वाराणसी की टीम ने 72 घंटे बाद शुक्रवार को गंगा
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : एनडीआरएफ वाराणसी की टीम ने 72 घंटे बाद शुक्रवार को गंगा में डूबे सगे भाइयों में से बड़े भाई रितेश के शव को कटरा कोतवाली क्षेत्र के शास्त्री सेतु के पास से बरामद कर लिया। छोटे भाई गौरव का पता नहीं लगने पर उसकी तलाश जारी रही।
लल्लाघाट निवासी रमाशंकर मौर्या के दो पुत्र रितेश (15) व गौरव (12) 25 नवंबर की दोपहर लल्ला घाट से एकादशी की पूजा के लिए जल लेते समय पैर फिसलने से डूब गए थे। वहीं एक साथी आदित्य तैरकर बाहर आ गया था। 24 घंटे बाद भी गौरव व रितेश नहीं मिले और उन्हें खोजने के लिए एनडीआरएफ की टीम नहीं आयी तो परिजन आक्रोशित हो गए। गुरुवार की शाम शास्त्री सेतु के पास मीरजापुर -औराई मार्ग को जाम कर दिया। नाराज लोग तत्काल एनडीआरएफ की टीम बुलाकर डूबे किशोरों की खोजबीन कराने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग पर देर शाम एनडीआरएफ वाराणसी की टीम पहुंची और रात में ही खोजबीन शुरू कर दी। चार घंटे तक की गई खोजबीन के बावजूद किशोरों का शव नहीं मिला तो बाहर निकल आयी। शुक्रवार की सुबह एक बार फिर किशोरों की खोजबीन करने के लिए टीम पानी में उतरी तो दोपहर बाद शास्त्री सेतु के पास बड़े भाई रितेश का शव बरामद कर लिया। दह में फंसने से नहीं मिल रहे थे किशोर लल्लाघाट पर डूबने के बाद दोनों किशोर बहकर दूर चले गए। तीसरे दिन खोजबीन कर रही एनडीआरएफ की टीम रितेश को घटना स्थल से थोड़ी दूर शास्त्री के पास से बरामद किया। बताया कि वह लड़का दह में फंसा हुआ था। अगर गर्मी का दिन होता तो 24 घंटे बाद ऊपर आ जाता लेकिन ठंड का दिन होने के कारण ऊपर आने में एक दो दिन लगता है। लाल का शव देखते ही बिलख पड़ी मांग
गंगा से तीसरे दिन बड़े बेटे रितेश का शव बरामद होने पर उसे देखते ही मां बिलख पड़ी। वह काफी देर तक अपने लाडले के चेहरे को निहारती रही। इसके बाद छोटे बेटे गौरव को भी बरामद करने की मांग करने लगी। उसके साथ पूरा परिवार रोने लगा।