भूजलस्तर गिरावट में बढ़ोतरी चिंता का सबब
जागरण संवाददाता मीरजापुर जल संरक्षण को लेकर अगर अब भी हम न चेते तो आगामी दिनों में पे
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जल संरक्षण को लेकर अगर अब भी हम न चेते तो आगामी दिनों में पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। भूगर्भ जल विभाग के जियोफिजिकल सर्वे के अनुसार पोस्ट मानसून 2019 के सापेक्ष पोस्ट मानसून 2020 में -0.24 मीटर की गिरावट चिता का विषय बन गया है, हालांकि बारिश नहीं होना इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है, लेकिन काफी हद तक जल के अत्यधिक दोहन को भी हम ठुकरा नहीं सकते हैं।
जनपद स्तर पर पोस्ट मानसून 2015 के सापेक्ष पोस्ट मानसून (वर्षा के बाद नवंबर व दिसंबर माह तक) 2020 में 1.54 मीटर की वृद्धि हुई है। जनपद स्तर पर प्री मानसून (वर्षा के पहले मई व जून माह तक) 2019 के सापेक्ष प्री मानसून 2020 में ही 1.11 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। पोस्ट मानसून 2019 के सापेक्ष पोस्ट मानसून 2020 में 0.24 मीटर की गिरावट दर्ज की गई है। भूगर्भ जल विभाग के जूनियर इंजीनियर विक्रांत सिंह ने बताया कि मीरजापुर में पोस्ट मानसून 2020 में विकास खंड छानबे में 11.41, हलिया में 4.64, जमालपुर 1.70, कोन में 10.38, लालगंज 3.35, मझवां 9.72, मड़िहान 4.33, सिटी में 11.28, नरायनपुर 7.10, पहाड़ी 8.15, राजगढ़ 3.75, सीखड़ 8.66 मीटर जलस्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। जनपद मीरजापुर का औसत 7.04 मीटर जल स्तर रहा है।
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वर्ष 2019 में 0.14 मीटर की आई थी गिरावट
जनपद स्तर पर प्री मानसून 2015 के सापेक्ष प्री मानसून 2019 में 0.62 मीटर की गिरावट दर्ज की गई थी। पोस्ट मानसून 2015 के सापेक्ष पोस्ट मानसून 1.78 मीटर की वृद्धि हुई थी। वहीं प्री मानसून 2018 के सापेक्ष वर्ष 2019 में औसत भू जल स्तर में 0.14 मीटर की गिरावट आई थी।
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जनपद के जल स्तर में पोस्ट मानसून 2020 में 0.24 मीटर की गिरावट आई है, जो चिता का विषय है। जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा, अन्यथा भावी पीढ़ी को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
- अनुपम श्रीवास्तव, सीनियर जियो फिजिसिस्ट, मीरजापुर।