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सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के 500 करोड़ से सुधरेगी विध्य क्षेत्र के लोगों की सेहत

जागरण संवाददाता मीरजापुर सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के 500 करोड़ से विध्य क्षेत्र की सेहत सुधर

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 10:27 PM (IST)
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के 500 करोड़ से सुधरेगी विध्य क्षेत्र के लोगों की सेहत
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के 500 करोड़ से सुधरेगी विध्य क्षेत्र के लोगों की सेहत

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के 500 करोड़ से विध्य क्षेत्र की सेहत सुधरेगी। बजट में स्वीकृति से रोजगार के साथ ही केला व टमाटर उद्योग को भी संजीवनी मिलने के आसार बढ़ गए हैं। हथकरघा बुनकर क्षेत्र में 25 हजार रोजगार सृजन से प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा। साथ ही विध्य क्षेत्र के गरीबों में खुशहाली आएगी। वहीं मीरजापुर मंडल में भी राज्य विश्वविद्यालय खुलने को लेकर जनपदवासियों में आस जगी है। लोगों द्वारा विध्य विश्वविद्यालय की मांग काफी अरसे से की जा रही है।

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सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बुंदेलखंड के साथ ही विध्य क्षेत्र को भी आर्थिक संजीवनी दी गई है। वहीं एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओडी) में विध्य क्षेत्र के मीरजापुर, सोनभद्र और चंदौली आदि जिलों में टमाटर की खेती को इससे बढ़ावा मिलेगा। औद्यानिक विकास और गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन होगा।

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500 करोड़ मिलने से फूड प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना के बढ़े आसार

सरकार द्वारा पेश बजट में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के लिए 500 करोड़ का प्रावधान करने से जनपद में फूड प्रोसेसिग यूनिट के स्थापना के आसार बढ़ गए हैं। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही केला केमिकल की बजाय जनपद में ही लगने वाले फूड प्रोसेसिग यूनिट में पकाया जाएगा। केला खाने के शौकीनों को सरकार जल्द ही सौगात देगी। उद्यान विभाग के सहयोग से विकास खंड राजगढ़ में प्रगतिशील किसान राधेश्याम सिंह द्वारा फूड प्रोसेसिग यूनिट लगवाया जा सकता है। यूनिट लगाने पर लगभग 20-25 लाख का खर्च आने का अनुमान है। यूनिट लगाने पर विभाग द्वारा लगभग 40 फीसद अनुदान भी मिलता है। जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि इस विधि में कोल्ड स्टोर के एक चैंबर में तीन दिन में चार हजार से अधिक केले पकते हैं। इस कोल्ड स्टोर में चार चैंबर होंगे। प्लांट में उच्च क्षमता के हीटर व एसी लगे होते हैं। हीटर चैंबर में गर्मी पैदा कर वैज्ञानिक तरीके से केले को पकने में मदद करते हैं। कच्चे केले अच्छी तरह साफ करने के बाद क्रेट में डाल कर चैंबर में पकने के लिए रखे जाते हैं। तैयार होने के बाद केले के क्रेट एसी चैंबर में रख दिए जाते हैं। वहां से फिर केले पकने के बाद मांग के अनुसार बाजार में आपूर्ति होगी। उन्होंने बताया कि केला बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें काफी ज्यादा मात्रा में पौटेशियम होता है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करने में सहायक होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। यह पेट के लिए काफी बढि़या फल माना जाता है, यह एक तरह से नेचुरल एंटेसिड है जो कि पेट को अल्सर से भी बचाता है।

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मीरजापुरी पान का बजट में दिया ध्यान, मिलेगा प्रोत्साहन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार द्वारा पेश बजट में मीरजापुर के पान को भी संजीवनी मिली है। औद्यानिक विकास और गुणवत्तापूर्ण पान उत्पादन प्रोत्साहन के लिए बजट में अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। मीरजापुर जनपद में टमाटर की खेती के साथ ही पान की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है। इस बजट मे जरिए पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए औद्यानिक विकास में शामिल किया गया है। योजना प्रभारी पुष्पेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सिटी ब्लाक के नकहरा में राजेंद्र प्रसाद चौरसिया, कपिल चौरसिया, श्यामलाल चौरसिया, भैया लाल चौरसिया, गंगा चौरसिया द्वारा लगभग डेढ़ बीघे में पान की खेती की जा रही है। पान की खेती से किसानों को डेढ़ से 2 लाख तक का प्रति बरेजा (1500 स्क्वायर मीटर) लाभ होता है। पान की खेती करने वाले किसान को 50 फीसद अनुदान भी मिलता है।


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