Move to Jagran APP

अब नौचंदी मेले का नाम बदलने की उठी मांग, जिला पंचायत अध्यक्ष ने दिया ज्ञापन

नाम बदलने की मांग के क्रम में अब मेरठ के प्रसिद्ध मेला नौचंदी की बारी है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने डीएम को ज्ञापन देकर यह मुद्दा उठाया है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 11:22 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:22 AM (IST)
अब नौचंदी मेले का नाम बदलने की उठी मांग, जिला पंचायत अध्यक्ष ने दिया ज्ञापन
अब नौचंदी मेले का नाम बदलने की उठी मांग, जिला पंचायत अध्यक्ष ने दिया ज्ञापन
मेरठ (जेएनएन)। प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की घोषणा के बीच मेरठ में कुछ स्थानों का नाम बदलने की मांग मुखर हो रही है। इनमें सबसे प्रमुख नौचंदी मेले का नाम बदलने की मांग है। इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह गुरुवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर नाम बदलने की मांग करेंगे।
नवचंडी मेला था पुराना नाम
जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह का तर्क है कि नौचंदी मेला का पुराना नाम नवचंडी मेला था। यह नाम नवचंडी मंदिर के नाम पर पड़ा। लेकिन समय के साथ इसे नौचंदी पुकारा जाने लगा। ऐसे में हमारी यही कोशिश है कि इस मेले का पुराना गौरव बहाल हो और नवचंडी मेला नाम रखा जाए। कहा कि जन भावनाएं नवचंडी मंदिर से जुड़ी हैं और लोग चाहते हैं कि मेले का नाम देवी के नाम पर ही हो। इसके लिए गुरुवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उक्त मांग शासन तक पहुंचाई जाएगी।
गांवों के नाम भी बदलो
जिपं अध्यक्ष के अनुसार जिले के कई गांवों का नाम बदलने की मांग ग्रामीण लगातार कर रहे हैं। इसमें मवाना क्षेत्र के गांव सैफपुर-फिरोजपुर का नाम शिवपुरी करने के लिए ग्रामीण कई बार उनसे मिल भी चुके हैं। ऐसे ही गांव अकबरपुर हुमायूंपुर का नाम बदलने की मांग भी ग्रामीण उठा रहे हैं। कहा कि इस संबंध में जिला प्रशासन से वार्ता कर नाम बदलने की मांग को समक्ष रखा जाएगा।
अलग-अलग है नाम बदलने की प्रक्रिया
जिले, शहर या गांव का नाम बदलने की प्रक्रिया अलग-अलग है। जिले या शहर का नाम बदलने के लिए पहले किसी जनप्रतिनिधि स्तर पर प्रदेश सरकार से मांग की जाती है। जनता से भी नाम बदलने के संबंध में राय जानने की कोशिश होती है और प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाता है। प्रस्ताव पारित होने पर नाम बदलने पर सहमति बनती है। इसके बाद गजट कराया जाता है और नए सरकारी दस्तावेजों में नया नाम दर्ज होता है। जबकि गांवों का नाम बदलने के लिए पहले ग्राम पंचायत प्रस्ताव पारित करती है। फिर उक्त प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार तक पहुंचता है। ऐसे ही मोहल्ला और स्थल का नाम बदलने के लिए अलग प्रक्रिया है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.