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Young Achievers: 2022 एशियन चैंपियनशिप को लक्ष्य बनाकर दौड़ रहे मेरठ के पैरा एथलीट रवि कुमार

यह सच है कि जीत शरीर की नहीं हौसले की होती है। ऐसा ही हौसला जब पैरा एथलीट रवि कुमार में आया तो उन्होंने कमियों को ताड़ने की बजाय अपने लिए रिकार्ड बनाने की ठान ली। वर्ल्‍ड पैरा एथलेटिक्स ग्राड प्रिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:00 AM (IST)
Young Achievers: 2022 एशियन चैंपियनशिप को लक्ष्य बनाकर दौड़ रहे मेरठ के पैरा एथलीट रवि कुमार
रवि ने अपना अगला लक्ष्य 2022 की एशियन चैंपियनशिप को बना लिया है।

मेरठ, [अमित तिवारी] । Young Achievers यह सच है कि जीत शरीर की नहीं हौसले की होती है। कुछ ऐसा ही हौसला जब पैरा एथलीट रवि कुमार में आया तो उन्होंने कमियों को ताड़ने की बजाय अपने लिए रिकार्ड बनाने की ठान ली। 50 फीसद शारीरिक दिव्यांगता को सौ फीसद पटखनी देते हुए रवि अपनी क्षमता की दीवारों को हर बार तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए और पिछले साल वर्ल्‍ड पैरा एथलेटिक्स ग्राड प्रिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। रवि कुमार ने इस प्रतियोगिता में 13.50 सेकेंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी की थी। उसी साल रवि ने वल्र्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए बेंगलुरू में हुए ट्रायल में कुछ सेकेंड पीछे रहने से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन सके। रवि ने अपना अगला लक्ष्य 2022 की एशियन चैंपियनशिप को बना लिया है और पढ़ाई के साथ ही कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में ट्रेनिंग भी कर रहे हैं।

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खेल के साथ बढ़ी जीवन की रफ्तार भी

जन्म के कुछ ही दिनों में रवि के शरीर के बाएं हिस्से में लकवा मार गया था। बाया हाथ व पैर इससे प्रभावित है। माता-पिता की अच्छी परवरिश पाकर रवि ने भी जीवन के प्रति जज्बा दिखाया। गंगानगर निवासी रवि ने उत्तम विद्या मंदिर हायर सेकेंड्री स्कूल से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद मेरठ कालेज से बीसीए की पढ़ाई की। साल 2015 में रवि खेल से जुड़े। रवि की शुरुआती रफ्तार 15.50 सेकेंड में 100 मीटर और 32.30 सेकेंड में 200 मीटर थी। अब रवि 12.50 सेकेंड में 100 मीटर और 29.63 सेकेंड में 200 मीटर की दौड़ पूरी कर लेते हैं।

...और बढ़ता गया आत्मविश्वास

रवि के अनुसार साल 2015 में कोच गौरव त्यागी ने उनके हुनर को पहचाना और खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। वह अपने साथ भामाशाह पार्क लाते और अभ्यास कराने लगे। उसी साल गाजियाबाद में प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता हुई जिसमें रवि ने 100, 200 मीटर दौड़ आसैर लंबी कूद में हिस्सा लिया। तीनों ही प्रतियोगिता में रवि ने स्वर्ण पदक जीता और नेशनल के लिए चयनित भी हुए। गाजियाबाद में ही हुई नेशनल प्रतियोगिता में 100 व 200 मीटर की दौड़ में रवि चौथे स्थान पर रहे। वर्ष 2016 में पंचकूला में आयोजित पैरा एथलेटिक की नेशनल प्रतियोगिता में रवि ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता और 2017 की शुरुआत में जयपुर में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में 200 मीटर में स्वर्ण पदक और 100 मीटर में कांस्य पदक जीता।

बनाते हैं मिट्टी के बर्तन

खेल के साथ ही परिवार के काम में हाथ बंटाते हुए रवि कुमार पिता रणवीर सिंह और माता श्यामा देवी के साथ मिट्टी का बर्तन बनाना सीखा। सुबह-शाम ट्रेनिंग के बाद मिले समय में रवि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के साथ ही मिट्टी के बर्तन बनाने व बेचने का काम भी करते हैं।


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