Defeat Corona: आपको भी रहना है कोरोना से दूर, तो बदलते मौसम यह करना होगा... फिर देखिए
कोरोना को हराना है तो हमें कुछ नियमों का पालन करना ही होगा। महामारी ने हमारी मानसिकता को ही नहीं बदला बल्कि हमें फिर से शुद्ध भारतीय खानपान और दिनचर्या से भी जोड़ दिया है। फास्ट फूड के पीछे भागने भी सही नहीं है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी ने हमारी मानसिकता को ही नहीं बदला, बल्कि हमें फिर से शुद्ध भारतीय खानपान और दिनचर्या से भी जोड़ दिया है। फास्ट फूड के पीछे भागने और सुबह देर तक नींद में डूबी रहने वाली युवा पीढ़ी अपनी परंपरा से जुड़ रही है। कोरोना महामारी से लडऩे के लिए सबसे जरूरी है शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना।
यह करना होगा
लोग इसके लिए अपने खानपान में काफी बदलाव कर चुके हैं, लेकिन दिनचर्या में बदलाव करके भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि अलसुबह योग, व्यायाम या एक्सरसाइज करना, सुबह ताजी हवा में दौडऩा या टहलना, रात में समय पर सोना और सुबह जल्दी उठना, सुबह की धूप लेना जिससे सूर्य की किरणों से विटामिन डी की प्राप्त हो सकें। धूम्रपान, गुटखा और एल्कोहल से परहेज भी बहुत जरूरी है।
कोरोना काल में यह करें
1. खानपान में विशेषतौर पर सर्तकता रखें। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी और दालचीनी मिलाकर गुनगुना दूध पीएं।
2. भोजन में हरी मेथी का सेवन अवश्य करें।
3.बदलते मौसम में च्यवनप्राश के इस्तेमाल से लाभ होगा।
4-हरी पत्त्तेदार सब्जियों का प्रयोग अधिक करें।
5-सुबह शाम रनिंग और टहलने की आदत डालें।
कोरोना काल में यह न करें
1. एसी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
2.इस मौसम में दही और खट्टी चीजों का प्रयोग न करें।
3. देर रात तक न जागें आठ घंटे की पूरी नींद लें, ऐसा न करने से शरीर रोगी हो जाता है।
4. घर के सदस्य एक दूसरे को रुमाल और तौलिया इस्तेमाल न करें।
5.देर रात भोजन करने से बचें, क्योंकि पाचन क्रिया का दुरुस्त रहना जरूरी है।
विशेषज्ञों की राय को भी समझिए
इस समय कोरोना महामारी के लक्षण को देखने से इसके बारे में पता लगाना आसान नहीं है। हमारी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने से कोरोना वायरस का प्रभाव कम हुआ है, लेकिन वह कई अन्य रूपों में हमारे सामने आ रहा है। इसलिए अधिक सावधानी की जरूरत है।
- डा. बृजभूषण शर्मा, आयुर्वेदाचार्य गढ रोड
छह माह में लोगों को खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन आया है। यही कारण है कि हम इस महामारी से लड़ रहे हैं। यदि शरीर स्वस्थ रहेगा तो हम इस महामारी से मुकाबला कर सकते हैं।
- डा. अनिल कुमार, आयुर्वेदाचार्य मोहनपुरी
बदलते मौसम में खानपान के साथ ही व्यायाम और योग भी आवश्यक है, क्योंकि सर्दी के मौसम में हमारे भोजन में गरिष्ठ व्यंजन बढ़ जाते हैं। इसलिए पाचनक्रिया का ठीक रहना जरूरी है।
- डा. सुनील शर्मा, आयुर्वेदाचार्य लालकुर्ती