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UP Election 2022: पांच साल के बालक को माला पहनाकर योगी बोले-ये मेरा सबसे छोटा कार्यकर्ता

UP Assembly Election 2022 मुख्यमंत्री योगी को अपने दरवाजे पर देख विस्मित हुए लोग बरसाए अपनेपन के फूल। मेरठ कैंट विस. क्षेत्र के रामनगर में किया पैदल जनसंपर्क लोगों को बांटे पर्चे। उन्हें देखने के लिए सैलाब टूट पड़ा। घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की और समर्थन मांगा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 07:00 AM (IST)
UP Election 2022: पांच साल के बालक को माला पहनाकर योगी बोले-ये मेरा सबसे छोटा कार्यकर्ता
सीएम योगी ने घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की और समर्थन मांगा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। कई बार कुछ घटनाएं यथार्थ होते हुए भी स्वप्न जैसी लगती हैं। दरअसल, जो चीजें हमारी कल्पनाओं तक सीमित होती हैं, यदि वह वास्तविक रूप में आंखों के सामने आ जाएं तो कुछ देर के लिए हकीकत और ख्वाब में भेद करना मुश्किल हो जाता है। शुक्रवार को कुछ ऐसा ही हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आमजन की तरह गली-मोहल्ले में फेरी लगाई तो वहां के लोग अवाक रह गए। झटके के साथ घर का दरवाजा खुला और सामने गेरुआ बाना धारण किए योगी जी...। किसी की आंखें विस्मय से फटी रह गईं तो कोई उन्हें देख चिल्ला उठा-योगीजी..योगीजी। हर कोई उनकी एक झलक पाने को लालायित था, उतावलापन था उनका ध्यान आकृष्ट कराने का। भीड़ से गलियां खचाखच थीं तो छज्जों से अपनेपन के फूल बरस रहे थे। इसके बावजूद योगी ने हरसंभव सब पर ध्यान दिया। सबकी कुशलक्षेम भी पूछी और सबसे भावनात्मक रूप से जुड़े भी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मेरठ कैंट विधानसभा के कंकरखेड़ा क्षेत्र में रोड शो और जनसंपर्क किया। उन्होंने रामनगर कालोनी में प्रवेश किया तो उन्हें देखने के लिए सैलाब टूट पड़ा। घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की और समर्थन मांगा।

कालोनी में योगी सबसे पहले पहुंचे सीमा पाल के दरवाजे पर। सीमा ने थाली सजा रखी थी। आगे बढ़कर योगी को तिलक लगाया। योगी ने उन्हें और परिवार के अन्य सदस्यों को भाजपा का पर्चा थमाया। सीमा की गोद में पांच साल का बच्चा बसंत था। मुख्यमंत्री ने बच्चे को माला पहनाते हुए कहा, ये है मेरा सबसे छोटा कार्यकर्ता। जैसे ही योगी आगे बढ़े, छत पर खड़ी मीता चौहान जोर-जोर से चिल्ला उठीं-योगी-योगी...। मुख्यमंत्री ने सिर ऊपर उठाया, महिला का अभिवादन स्वीकारा और हाथ जोड़े मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए।

आपको पता था, मैं आने वाला हूं?

कालोनी में रहने वाली प्रिया ने गुलाब के फूल का बुके मुख्यमंत्री की ओर बढ़ाया तो योगी ने उसे ले लिया और सवाल किया-आपको पता था कि आज मैं यहां आने वाला हूं। प्रिया ने हां कहा तो उन्हें भी पर्चा थमा दिया। फिर मंजू कटारिया को पर्चा दिया। भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल की ओर इशारा करते हुए योगी बोले-यही आपके प्रत्याशी हैं। कुछ दूरी पर खड़ी नीरज को भी मुख्यमंत्री ने पर्चा दिया। सबसे अंत में योगी इस कालोनी में रिचा शर्मा के पास पहुंचे। रिचा की गोद में दो साल का बच्चा था। योगी ने बच्चे को दुलारते हुए पूछा-आपका नाम क्या है? मां ने बच्चे का नाम अयांश बताया। योगी ने बच्चे को शुभाशीष दिया। मुख्यमंत्री कालोनी में कुल सात परिवारों के सदस्यों से मिले, उन्हें चुनावी पर्चा दिया। इसके बाद अपने वाहन की ओर मुड़ गए। इस दौरान महिलाएं मकानों की छतों से फूल भी बरसाती रहीं। जनसंपर्क के दौरान योगी के साथ सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधानसभा के प्रत्याशी अमित अग्रवाल और पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल भी रहे।

भीड़ देखकर बदला सीएम का कार्यक्रम

मुख्यमंत्री का कंकरखेड़ा के आंबेडकर गेट से मार्शल पिच तक करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलकर जनसंपर्क का कार्यक्रम तय था लेकिन गेट से अंदर तक भारी भीड़ थी। मुख्यमंत्री का काफिला देखते ही लोग नारे लगाने लगते, फूल बरसाते हुए पीछे दौडऩे लगते। भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री सीधे रामनगर कालोनी की गली नंबर एक में पहुंचे। यहां सात घरों के दरवाजे पर पहुंचकर लोगों को पर्चे बांटे। भीड़ को देखते हुए योगी मंगलपुरी कालोनी में नहीं गए। मार्शल पिच होते हुए उनका काफिला निकल गया।

मुख्यमंत्री के पीछे दौड़ते रहे लोग

मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए आंबेडकर गेट से मार्शल पिच तक सड़क को गुब्बारे और फूलों से सजाया गया था। सर्व समाज के बैनर भी लगे थे। रामनगर से जैसे ही मुख्यमंत्री गाड़ी पर सवार होकर मार्शल पिच की ओर बढ़े, उनके पीछे युवाओं की फौज ने दौड़ लगा दी। यहां तक कि महिलाएं और बच्चे भी योगी-योगी करते पीछे दौडऩे लगे। कई लोग धक्का मुक्की में गिर भी गए।

मायूस होकर भी खुश हुए लोग

रामनगर में बहुत से लोगों के घर तक योगी आदित्यनाथ नहीं पहुंच पाए। इससे लोगों में थोड़ी मायूसी दिखी, फिर भी वे खुश नजर आए। कालोनी के लोगों का कहना था कि समय कम था, इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई। फिर भी यह गौरव का पल रहा कि उनकी कालोनी में मुख्यमंत्री आए। लोगों का कहना था कि ऐसा लगा- मानो भगवान खुद चलकर उनके घर पर आ गए हैं।


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