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किसान महापंचायत में बोले योगेंद्र यादव- मजहबी दीवार लांघकर सफल बनाना होगा आंदोलन

बुलंदशहर के बीबीनगर में आयोजित किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मार्चा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानून दम तोड़ गए हैं। बस किसानों की जीत की घोषणा होनी बाकी है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 10:09 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:09 PM (IST)
किसान महापंचायत में बोले योगेंद्र यादव- मजहबी दीवार लांघकर सफल बनाना होगा आंदोलन
बुलंदशहर के बीबी नगर में महापंचायत को संबोधित करते योगेंद्र यादव।

बुलंदशहर, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन हरपाल गुट के नेतृत्व में बीबीनगर के सोसायटी मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे संयुक्त किसान मार्चा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि नए कृषि कानून किसान हितैषी नहीं है, बल्कि खेत-खलिहान से किसान को दूर करने वाले हैं। किसान जाति, धर्म और मजहबी दीवार लांघकर दिल्ली में जारी आंदोलन को सफल बनाएं। गेहूं की फसल खेतों में खड़ी है, काम भी है और आत्मसम्मान भी। परिवार के एक सदस्य को किसान आंदोलन में प्रतिदिन भागीदारी करने का समय अब आ गया है।

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आंदोलन को आने वाली पीढ़ी भी याद रखेगी

बीबी नगर के सोसायटी मैदान में आयोजित महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के जरिए देश ही नहीं विदेश का किसान भी एकजुट हो चुका है। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानून दम तोड़ गए हैं। बस किसानों की जीत की घोषणा होनी बाकी है। उन्होंने किसानों की इस लड़ाई को एतिहासिक बताया। उन्होंने स्व. चौधरी महेंद्र सिंह के पूर्व में हुए किसान आंदोलन को भी याद किया। बताया कि इस आंदोलन को आने वाली पीढ़ी भी याद रखेगी। योगेंद्र यादव ने किसानों को 23 मार्च को शाहदत दिवस के रूप मनाने तथा 26 मार्च को भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई टोली, पगड़ी और मान सम्मान की है। चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन किसी एक का नहीं बल्कि देश भर के 500 संगठनों का है। इसीलिए आंदोलन टूटेगा नहीं और सफल होकर रहेगा। उन्होंने किसानों को आगाह किया कि यह आंदोलन अभी काफी लंबा होगा, फसल भी आ रही है, लेकिन किसानों को हार नहीं माननी है। उन्होंने नसीहत दी कि अगर लड़ कर मरेंगे तो इतिहास बनेगा और भूख से मरेंगे तो इतिहास माफ नहीं करेगा। उधर, किसान नेता के रूप में इंटरनेट मीडिया से चर्चित पूनम पंडित ने आंदोलन में महिलाओं से भागीदारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जन समूह से सहयोग की अपील करते हुए एकता बरकरार रखने का आह्वान किया। महापंचायत की अध्यक्षता कैप्टन धर्मवीर सिंह व संचालन नागेन्द्र सिंह ने किया।


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