Yoga Benefits: भुजंगी प्राणायाम मिटाए पित्त व फेफड़ों के विकार, जानें- इससे होने वाले लाभ
योग की महत्ता को जानकर लोगों का इसकी ओर आकर्षण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना आपदा में फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने व आक्सीजन स्तर में वृद्धि के साथ-साथ इंफ्लेमेशन से मुक्ति के लिए भुजंगी प्राणायाम काफी लाभकारी है।
मेरठ, जेएनएन। योग की महत्ता को जानकर लोगों का इसकी ओर आकर्षण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना आपदा में फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने व आक्सीजन स्तर में वृद्धि के साथ-साथ इंफ्लेमेशन से मुक्ति के लिए भुजंगी प्राणायाम काफी लाभकारी है। यह कहना है योग विज्ञान संस्थान के योग शिक्षक सुनील सैन का। उन्होंने बताया कि यह प्राणायाम फेफड़ों की वायु कूपिकाओं को सशक्त बनाकर फेफड़ों में प्राण का विस्तार करता है। पित्त शांत होकर शरीर के सभी तंत्र अधिक कार्यशील बनते हैं। रक्तचाप की अनियमितता भी दूर होती है।
ऐसे करें भुजंगी प्राणायाम : इस प्राणायाम को करने के लिए स्वच्छ हवा वाले स्थान का चयन करें। फिर सबसे पहले कमर सीधा करके पद्मासन में बैठ जाएं। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें। आंखें कोमलता से बंद हों। अब भुजंग अर्थात सांप के मुख की आकृति बना खुले मुख से सांस को धीरे-धीरे कंठ तक भरें और होंठ बंद करें। फिर सांस के अधिकाधिक भर जाने पर त्रिबंध लगाएं अर्थात 1-मलद्वार को सिकोड़कर मूल बंध, 2-पेट को अंदर पिचकाकर उड्डयानबंध 3-कंठ को थोड़ा नीचे दबाकर जालंधर बंध लगाएं। सांस को सहज भाव तक अंदर रोकें। फिर तीनों बंध खोलकर नाक से सांस धीरे-धीरे बाहर निकालें।
भुजंगी प्राणायाम के लाभ
-फेफड़ों की वायु कूपिकाएं सशक्त बनती हैं।
-आक्सीजन अधिक मात्र में फेफड़ों तक पहुंचता है।
-पित्त दोष शांत होता है।
-शरीर में आक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है।
-शरीर में ठंडक का विस्तार होने से गर्मी से होने वाली परेशानी दूर होती हैं।
-इंफ्लेमेशन ठीक होने से शरीर की कार्य क्षमता बढ़ती है।
जीवन जीने की कला भी सिखाता है योग
कोरोना काल में योग का महत्व समझ में आया है। शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मन को भी मजबूत करने के लिए योग का कोई विकल्प नहीं है। शहर में अधिकांश लोगों की दिन की शुरुआत अब योग से होने लगी है। वहीं, कुछ लोग योग को सीख भी रहे हैं। योगाचार्य राजीव कुमार स्वस्थ रहने के लिए योग का पूरा योगदान मानते हैं। बीएससी, एमएससी, एमएसडब्लू सहित कई डिग्रियों को हासिल करने के बाद उन्होंने कई जगह नौकरी की, लेकिन मन नहीं रमा तो योग को खुद को समर्पित कर दिया है। आज वह खुद योग करते हैं साथ ही तनाव भरे माहौल में रहने वाले लोगों को योग के माध्यम से स्वस्थ करने का प्रयास भी। योगाचार्य राजीव कुमार स्कूल, कालेज में जाकर भी योग का अभ्यास भी कराते हैं। सप्ताह में दो दिन अपने गांव करनावल में भी लोगों को योग के लिए प्रेरित करते हैं। उनका कहना है कि 24 घंटे में बस आधे से एक घंटे तक योगाभ्यास करने से शरीर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। योग के माध्यम से लाइफस्टाइल, खान-पान में परिवर्तन करके खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।