अब हर स्तर पर लागू हो योग व स्वास्थ्य शिक्षा
कोविड की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। शिक्षा में एक बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। योग और स्वास्थ्य शिक्षा को अब हर स्तर पर लागू किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव और शिक्षाविद् अतुल कोठारी ने ये बातें बताई। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।
मेरठ, जेएनएन। कोविड की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। शिक्षा में एक बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। योग और स्वास्थ्य शिक्षा को अब हर स्तर पर लागू किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव और शिक्षाविद् अतुल कोठारी ने ये बातें बताई। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र भी लिखा है। चौ. चरणसिंह विवि की वेब गोष्ठी में सभी प्रस्तावों को साझा किया।
गोष्ठी में उन्होंने चीनी वायरस को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा के स्वरूप के लिए एक गाइडलाइन तैयार करने की मांग की है। स्वदेशी को पाठ्यक्रम से जोड़ने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मेडिकल और तकनीकी पाठ्यक्रमों में बदलाव करने की जरूरत है। प्राथमिक उपचार को छात्रों के अध्ययन से जोड़ने के लिए भी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने स्कूल, कॉलेज में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग करने, काउंसिलिग सेंटर हर स्कूल, कॉलेज में बनाने का भी सुझाव दिया है।
अध्यक्षता कर रही प्रो. वाई. विमला ने कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी मौलिक व व्यापक सामाजिक हितों के मुद्दे को स्वीकार करने उस पर विचार करने और उसे अमल में लाने के लिए काम कर रहा है। प्रो. जयमाला ने सभी को धन्यवाद दिया। व्यवसायिक शिक्षण संस्थान के प्रमुख प्रो. राजीव सिजेरिया संचालन किया। प्रो. हरे कृष्णा, समीर कौशिक का सहयोग रहा। तकनीक के साथ आगे बढ़े उर्दू
मेरठ : वक्त का तकाजा है कि अब किताबों से निकलकर उर्दू भी तकनीक के साथ आगे बढ़े। ये बातें चौ. चरणसिंह विवि के उर्दू विभाग की ओर से आयोजित वेब गोष्ठी में उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. असलम जमशेदपुरी ने कही।
तीन दिवसीय वेबिनार में प्रो. जमशेदपुरी ने छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण तकनीक समझायी। कहा कि यह इम्तिहान की घड़ी है और हमें हर हाल में कामयाब होना है। पहले सत्र में एमए सेकेंड ईयर फोर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं सबा, असरार अहमद, मो. शाकिर और सामिया ने अपने पेपर प्रस्तुत किए। एमए फर्स्ट ईयर सेकेंड सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं में भवित, मुबशिरा, रेशमा और इलमा ने अपने शोध-पत्र पढ़े। डॉ. आसिफ अली, डॉ. शादाब अलीम, डॉ. इरशाद स्यानवी व डॉ. अल्का वशिष्ठ ने संबोधित किया।