Year Ender 2021: पढ़िए मेरठ के छह हत्याकांड जो बने थे चुनौती, सोतीगंज पर सख्ती ने भी बटोरी सुर्खियां
Year Ender 2021 मेरठ में अपराध और अपराधियों पर नकेल के लिए मेरठ जिला वर्ष 2021 में खासा चर्चाओं में रहा। पुलिस भ्रष्टाचार हो या फिर सोतीगंज के वाहन कटान कबाड़ियों पर शिकंजा पुलिस का प्रभाव दिखा। कुछ हत्याएं भी सुर्खियों में रहीं।
मेरठ, जेएनएन। Year Ender 2021 वर्ष 2021 जाने की दहलीज पर है और वर्ष 2022 दस्तक देने वाला है। पुलिस ने 2021 पर अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने की पूरी कोशिश की और इसमें सफल रही। पूरे देश में वाहन कटाने के लिए बदनाम सोतीगंज पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने शिकंजा कस कर एक मिसाल पेश की। सोतीगंज की चर्चा में यूपी में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी की। पुलिस के भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसा गया तो वाहन कटान के लिए बदनाम सोतीगंज बाजार पर ताला डालकर वाहन कटान और वाहन चोरी पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाया गया। कानून व्यवस्था प्रभावित नहीं होने दी गई। हालांकि चोर लुटेरों ने जमकर कहर बरपाया।
जेल के सलाखों के पीछे भेजा
साइबर अपराधी भी जनपद के लोगों को करोड़ों का चुना लगा गए। जनपद को लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र में तीन नए थानों की स्वीकृति भी मिली है। हालांकि यातायात व्यवस्था ने शहर के हरेक शख्स को सालभर रुलाया। अपराधियों की कमर तोडऩे के लिए संपत्ति जब्तीकरण का काम भी जोरों से हुआ। उधम सिंह, योगेश भदौड़ा, रमेश प्रधान और शरद गोस्वामी की संपत्ति भी जब्त कर ली गई। जेल से छूटकर आए उधम सिंह को दोबारा से सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
वर्ष 2021 में मेरठ जिले के ये चर्चित हत्याकांड जहन में रहेंगे
- 27 अप्रैल को ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के ध्यानचंद नगर में कोयला व्यापारी की सीने में गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने वारदात का पर्दाफाश कर बेटे को जेल भेज दिया। बेटे ने प्रेम विवाह करने के लिए शूटर हायर कर पिता की हत्या करा दी।
- दोनों युवतियों को प्रेमी ने उतारा मौत के घाट, नोएडा से किया था अगवा
- 15 अगस्त को सरधना के नानू-रतौली के बीच दो युवतियों की हत्या कर शव नाले में फेंक दिए गए थे। घटना के 24 घंटे बाद पुलिस ने दोनों युवतियों की पहचान कर वारदात का पर्दाफाश कर दिया। दोनों सहेली की हत्या उनके प्रेमी ने ही साथियों के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया। यह घटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी।
- 29 अगस्त को मेडिकल थाना क्षेत्र में हापुड़ रोड स्थित संतोष हास्पिटल के पास दिनदहाड़े बाइक सवार दो शूटरों ने एआइएमआइएम पार्षद की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। इस वारदात का अभी भी पूरी तरह से पर्दाफाश नहीं हुआ है। हत्या के पीछे करोड़ों की जमीन का लेन-देन माना जा रहा है।
- 22 सितंबर को ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र की सिटी गार्डन कालोनी में अवैध संबंधों के विरोध में सिरफिरे आशिक ने दंपती की छुरी से गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या के समय दंपती की नौ साल की बेटी के जागने पर आरोपित उसे जमीन पर पटककर भाग गया। पुलिस ने हत्यारोपित को 24 घंटे बाद पकड़कर जेल भेज दिया।
- 09 अक्टूबर को डीआइजी के ससुर ने की थी पुत्रवधू की हत्या शास्त्रीनगर में केरल में तैनात डीआइजी के ससुर रामकिशन ने बेटे के आत्महत्या करने पर पुत्रवधू की कटर से गर्दन काटकर हत्या कर दी। सीसीटीवी में पूरा मामला कैद होने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रामकिशन की तरफ से लगातार सिफारिश का दौर जारी रहा है।
पुलिस के भ्रष्टाचार पर नकेल
सदर बाजार के इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और सिपाही को रंगेहाथ 60 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। सिपाही को जेल भेज दिया है। अभी तक इंस्पेक्टर पुलिस पकड़ से दूर बना हुआ है। उसके अलावा भी गंगानगर के दारोगा के खिलाफ वसूली में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। रकम वसूलने वाले करीब 15 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। यही कारण रहा है कि पुलिस वसूली करने से भी डरने लगी।
हाजी गल्ला एंड गैंग पर शिकंजा
1982 में चोरी के वाहनों का कटान करने के लिए इजाद हुए सोतीगंज का आस्तित्व समाप्त कर दिया। हाजी गल्ला और इकबाल के परिवार समेत 22 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई कर करीब 70 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया। यह संपत्ति चोरी के वाहन कटान कर उपकरण बेचने से बनाई गई थी। उसके बाद सभी कबाडिय़ों का ब्यौरा आयकर विभाग और जीएसटी को सौंप दिया है। साथ ही सोतीगंज बाजार में वाहनों के कमेले पर ताला भी डाल दिया गया। कार्रवाई हर बार हुई, पर कबाडिय़ों को खत्म करने की कार्रवाई एसएसपी प्रभाकर चौधरी ही कर पाए।