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कोरोना को लेकर बेफ्रिक मत हो जाइए, आने वाले समय में रखना होगा इन बातों का ध्‍यान Meerut News

दैनिक जागरण ने कालम प्रश्न पहर में सीएमओ डा. राजकुमार को आमंत्रित किया। जिलेभर के लोगों ने कोरोना से बचाव इलाज केंद्रों एवं कई अन्य बिंदुओं पर प्रश्न किए। पूछा कि मरीजों की संख्या रोजाना सौ से ज्यादा मिलने के बाद भी कहीं बैरिकेडिंग क्यों नहीं है?

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 10:00 AM (IST)
कोरोना को लेकर बेफ्रिक मत हो जाइए, आने वाले समय में रखना होगा इन बातों का ध्‍यान Meerut News
कोरोना को लेकर हम सभी को अभी पूरी सावधानी बरतनी होगी।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में सात माह के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे गए। जून और सितंबर के दौरान संक्रमण पीक पर रहा। अब तक 12 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, जबकि तीन सौ से ज्यादा मरीजों की मौत हुई। अक्टूबर में बेशक कोरोना संक्रमण में कमी आई है, लेकिन त्योहारी मौसम में बाजारों में उमड़ रही भीड़ एक बार फिर डराने लगी है। दैनिक जागरण ने अपने कालम प्रश्न पहर में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजकुमार को आमंत्रित किया। जिलेभर के लोगों ने कोरोना से बचाव, इलाज केंद्रों एवं कई अन्य बिंदुओं पर प्रश्न किए। ज्यादातर लोगों ने पूछा कि मरीजों की संख्या रोजाना सौ से ज्यादा मिलने के बाद भी कहीं बैरिकेडिंग क्यों नहीं है?

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प्रश्न: कोरोना संक्रमण किस फेज में है? इससे बचने के लिए क्या करना होगा?

मोहित कुमार, ब्रह्मपुरी

सीएमओ: कोरोना देशभर में तेजी से कम हुआ है। मेरठ में रोजाना दो सौ से ज्यादा मामले आ रहे थे, जहां अब संख्या सौ तक सिमट गई है। मौतें भी कम हो रही हैं। मास्क पहनना, सैनिटाइजर का प्रयोग और तीन गज की दूरी आज भी बेहद जरूरी है। वायरस को संक्रमण का रास्ता नहीं मिलेगा तो केस कम हो जाएंगे।

प्रश्न: क्या सरकार ने घर-घर जांच का निर्देश दिया था। हमारे मोहल्ले में जांच नहीं हुई है?

मुकेश, मंगलपुरी, कंकरखेड़ा

सीएमओ: घर-घर जांच का कोई आदेश नहीं है। ये संभव भी नहीं है। नगर में 24 अर्बन पीएचसी हैं। हाटस्पाट में कैंप लगाकर जांच की जा रही हैं। इस मौसम में खांसी, नजला, जुकाम और अन्य समस्याएं हो रही हैं, ऐसे में कोरोना की जांच कराने से हिचकें नहीं।

प्रश्न: कोरोना का टीका कब आएगा। तब तक कौन सा मास्क लगाना ठीक होगा?

अवनीश शर्मा, बेगमपुल

सीएमओ: टीकों का ट्रायल चल रहा है। जनवरी तक तस्वीर साफ होगी। फिलहाल शासन के निर्देश पर टीकाकरण की रूपरेखा बना ली गई है। आने वाले दिनों में संक्रमण की आशंका ज्यादा है, ऐसे में बचाव जरूरी है एन-95 मास्क सिर्फ अस्पतालों में मरीजों के बीच काम करने वालों के लिए है। आम आबादी को थ्री-लेयर मास्क ही लगाना चाहिए।

प्रश्न: दिल्ली में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। इसका मेरठ पर क्या प्रभाव होगा। निपटने की क्या तैयारी है?

लोकेश खुराना, हापुड़ चौराहा

सीएमओ: दिल्ली में केस ज्यादा हैं, इसलिए मेरठ में भी बढऩे का खतरा है। एक लहर नवंबर-दिसंबर में भी आ सकती है ऐसे में जांचों की संख्या बढ़ाने, एक संक्रमित के पीछे 25 लोगों तक कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने पर जोर है। इलाज की बात करें तो मरीजों की संख्या कम होने की वजह से दो सौ बेड वाले धनसिंह कोतवाल कोविड केंद्र को बंद कर दिया गया है। जिसे जरूरत पडऩे पर शुरू कर लेंगे। नगर निगम की गाड़ी मोहल्लों में पहुंचकर जांच केंद्रों की जानकारी दे रही है।

प्रश्न: पहले मरीज मिलने पर मोहल्लों को बंद कर दिया जाता था। बांस-बल्ली लगाई जाती थी, लेकिन अब मरीज खुलकर घूम रहे हैं। इसे कैसे रोकेंगे?

दीपक, जागृति विहार, मोहम्मद असलम, इंचौली व आशीष मलिक व रोबिन सिवाच, गंगानगर

सीएमओ : पहले कोरोना मरीज मिलने पर एक किमी, दो मरीज मिलने पर तीन किमी तक क्षेत्र बंद कर दिया जाता था, लेकिन गाइडलाइन बदलकर सौ और ढाई सौ मीटर कर दी गई। अब माइक्रोकंटेनमेंट जोन के तहत संक्रमित के आसपास का महज एक-एक घर पर दस दिन तक निगरानी की जा रही है। कोई संक्रमित घूम रहा हो तो उसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दीजिए

प्रश्न: केस क्यों बढ़ते जा रहे हैं। आंकड़ों में गड़बड़ी की भी शिकायतें आती हैं। प्रशासन इसे रोकने के लिए सबसे बड़ा कदम क्या उठा रहा है।

पुनीत शर्मा, बेगमपुल

सीएमओ: केस बढ़ नहीं रहे, बल्कि जांचें बढ़ी हैं। प्रशासन विशेष अभियान चलाकर ई रिक्शा चालकों, दुकानदारों, यात्रियों व अन्य वर्ग में कोरोना की जांचें कर रहा है। रोजाना करीब पांच हजार जाचें की जा रही हैं, जिसमें करीब दो फीसद संक्रमण मिल रहा है, जबकि जून में संक्रमण की दर छह फीसद तक थी।

प्रश्न: कोरोना के साथ डेंगू भी मिलने लगा है। यह कितना खतरनाक है। गांवों में फागिंग कैसे हो सकती है?

देवराज त्यागी, चितवाना

सीएमओ: ग्राम प्रधानों को छिड़काव के लिए मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। एएनएम दवा देंगी। सफाई और स्प्रे करने की व्यवस्था की गई है। डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों को पनपने न दें। जिन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कम होगी, उन्हें कोरोना व डेंगू हो सकता है।


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