समस्याओं का निदान नहीं होने से नाराज कर्मियों ने कलक्ट्रेट और तहसील में की तालाबंदी Meerur News
चकबंदी विभाग के विलय तथा विभिन्न समस्याओं का समाधान न होने के विरोध में आयोजित हड़ताल में तहसीलदार कानूनगो आदि अधिकारी भी शामिल रहे।
मेरठ, जेएनएन। चकबंदी विभाग के विलय तथा विभिन्न समस्याओं का समाधान न होने के विरोध में उ.प्र. राजस्व महासंघ ने गुरुवार को प्रदेश भर में कलक्ट्रेट और तहसीलों में हड़ताल करने की घोषणा की थी। जिसके तहत आज कलक्ट्रेट और तहसीलों में पूर्ण रूप से तालाबंदी करके कार्य बहिष्कार किया गया। तहसीलदार, कानूनगो आदि अधिकारियों के साथ लेखपाल और तहसील व कलक्ट्रेट कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल रहे। सभी ने संयुक्त रुप से कलक्ट्रेट में दिनभर धरना दिया, सभा की और शाम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
इनका भी मिला समर्थन
उ.प्र. राजस्व महासंघ के आंदोलन को उ.प्र. मिनिस्ट्रीयल एवं कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने भी समर्थन दिया था। बुधवार को आंदोलन के लिए बैठक भी हुई थी। गुरुवार को पूर्व घोषणा के तहत कलक्ट्रेट परिसर में किसी भी कार्यालय के ताले नहीं खोले गये। यही हाल तीनों तहसीलों का रहा। जनपद भर से सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल और विभिन्न कर्मचारी संघों के पदाधिकारी और सदस्य सैकड़ों की संख्या में कलक्ट्रेट पर एकत्र हुए।
धरने में ये लोग रहे मौजूद
वहां उन्होंने दिनभर धरना दिया और अपनी मांगों का समर्थन करके उनके समाधान की मांग की। राजस्व महासंघ की जनपद मेरठ शाखा के अध्यक्ष अभय कुमार सिंह, महामंत्री मुकेश कुमार, कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के महामंत्री सत्यनारायण शर्मा आदि ने सभा को संबोधित करते हुए चकबंदी विभाग के विलय का विरोध किया। शाम लगभग चार बजे तक धरना चला। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपर नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। आंदोलन में रामबीर सिंह, कैलाश चंद, धर्मपाल, शिल्पा एरन, उदय वीर सिंह, स्नेह तिवारी, मनवीर सिंह, धर्मपाल, गो¨वद सिंह आदि मौजूद रहे।
अफसर गायब, जनता परेशान
गुरुवार को हड़ताल के कारण कलक्ट्रेट परिसर स्थित सभी कार्यालयों में ताले लगे रहे। कोई भी अधिकारी अपने कार्यालय में नहीं बैठ सका। जिले के कोने कोने से अपनी समस्याएं लेकर पहुंची जनता इन हालात में परेशान रही।