मेरठ में पुरानी पेंशन बहाली की उठी मांग, निजीकरण के विरोध में कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन Meerut News
कर्मचारियों की मांग है की नई पेंशन को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। निजीकरण आउटसोर्सिंग एवं ठेकेदारी व्यवस्था पूरी तरह समाप्त की जाए। इन व्यवस्थाओं के तहत कार्यरत कर्मचारियों को भी समायोजित किया जाए।
मेरठ, जेएनएन। निजीकरण, आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने व नई पेंशन को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना की बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने बुधवार को अपनी ने 18 सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
यह हैं कर्मचारियों की मांगे
कर्मचारियों की मांग है की नई पेंशन को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। निजीकरण, आउटसोर्सिंग एवं ठेकेदारी व्यवस्था पूरी तरह समाप्त की जाए। उक्त व्यवस्थाओं के तहत कार्यरत कर्मचारियों को समायोजित किया जाए। रिक्त पदों के सापेक्ष नियमित नियुक्तियां की जाए। संविदा, आउटसोर्सिंग व अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मियों को समान कार्य का समान वेतन निर्धारित किया जाए।
केंद्रीय कर्मचारियों की भर्ती मिले भत्ते
राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की भांति समस्त भक्तों की समानता प्रदान की जाए। साथ ही फील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता प्रदान किया जाए। डिप्लोमा इंजीनियर की भांति समस्त राज्य कर्मचारियों को वेतनमान दिया जाए।
इसके साथ ही उनकी यह भी मांग है कि प्रदेश में सीधी भर्ती की अधिकतम आयु 40 वर्ष के दृष्टिगत एसीपी में 8, 16 व 24 वर्ष की सेवा पर तीन पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए। 50 साल की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के माध्यम से जबरन सेवानिवृत्ति को बंद किया जाए। उपार्जित अवकाश के संचय की 300 दिन की सीलिंग समाप्त हो। सेवानिवृत्ति पर 300 दिन के अवकाश नकदीकरण को बढ़ाकर छह सौ किया जाए। इसके अतिरिक्त पूर्व में लागू व्यवस्था को बहाल किया जाए।
यह रहे शामिल
जिला अध्यक्ष विपिन त्यागी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लाखन सिंह, जिला महामंत्री आदेश कुमार व ऑडिटर शर्ली भंडारी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। अपर नगर मजिस्ट्रेट संदीप श्रीवास्तव को यह ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शन व ज्ञापन देने वालों में विजय सिंह राणा, आदेश कुमार, संजय राणा, धर्मपाल सिंह, हरपाल सिंह, राजीव शर्मा, जेपी यादव, जसवीर सिंह, राहुल भारद्वाज व कैलाश चंदोला समेत सैकड़ों कर्मचारी शामिल रहे।