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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे : हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा करना है लक्ष्य, इंटरचेंज पर रात में भी चल रहा काम Meerut News

परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज का काम बचा हुआ है। 31 दिसंबर तक कार्य हर हाल में पूरा करना है। कार्यदायी कंपनी दबाव में है। इसलिए इंटरचेंज पर रात में भी काम चल रहा है। मंगलवार रात में आरई वाल के काम ने रफ्तार पकड़ी।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 03:42 PM (IST)
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे : हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा करना है लक्ष्य, इंटरचेंज पर रात में भी चल रहा काम Meerut News
परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज के लिए रात में चलता काम

मेरठ, जेएनएन। परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज का काम बचा हुआ है। 31 दिसंबर तक कार्य हर हाल में पूरा करना है। कार्यदायी कंपनी दबाव में है। इसलिए इंटरचेंज पर रात में भी काम चल रहा है। मंगलवार रात में आरई वाल के काम ने रफ्तार पकड़ी। एक साथ कई टीम उतारी गईं। अलग-अलग टीम ने अलग-अलग ढांचे पर कार्य किया। आरई वाल का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य है। जैसे-जैसे वाल का कार्य बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे मिट्टी भराव का कार्य बढ़ता जाएगा।

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मेरठ से डासना तक 32 किमी हिस्से में परतापुर तिराहे का इंटरचेंज मुख्य चुनौती है। इसके पूरा होने में ही ज्यादा समय लगेगा। यहां पर अभी दो स्ट्रक्चर अभी निर्माणाधीन हैं। किसी भी स्ट्रक्चर को दूसरे स्ट्रक्चर से मिट्टी भराव करके जोड़ा नहीं जा सका है। यहां तक कि जिस अंडरपास को कई महीने से खोलने की योजना चल रही है उसे भी अभी तक अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका है। कार्यदायी कंपनी के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज बैरवा ने बताया कि इंटरचेंज के लिए आरई वाल का कार्य पूरा करना सबसे मुख्य कार्य में शामिल है। रात-दिन काम चलता रहेगा।

मुजफ्फरनगर में कब्‍जा खाली कराया, अब मेरठ की बारी

डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर को लेकर खुर्जा से सहारनपुर तक के 222 किमी में किसानों का अवरोध समाप्ति की ओर है। सात जनवरी को हुई समीक्षा में इस हिस्से पर विभिन्न टुकड़ों को मिलाकर करीब 54 किमी तक काम रुका हुआ था। 29 सितंबर तक मात्र 15 किमी पर ही अवरोध है। मुआवजे को लेकर सबसे ज्यादा अवरोध मुजफ्फरनगर में था। यहां पिछले सप्ताह 19 किमी जमीन खाली कराकर कार्यदायी कंपनी को उपलब्ध करा दी गई है। मेरठ जिले में भी इस पर काम चल रहा है। हाल ही में पोहल्ली गांव में 400 मीटर का टुकड़ा कंपनी के सुपुर्द किया गया है।

दौराला में करीब 1.5 किमी का टुकड़ा एक अक्टूबर तक खाली होने की उम्मीद है। यह टुकड़ा खाली होने पर जिले में सिर्फ तीन किमी हिस्से पर अवरोध बचेगा। जिला प्रशासन ने अक्टूबर अंत तक इस अवरोध को भी समाप्त कराने का आश्वासन दिया है। दरअसल,पारिवारिक सदस्यों के बीच मतभेद होने से कुछ किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया है। इस वजह से किसानों ने काम नहीं करने दिया है। प्रशासन को परिवारों के बीच सुलह कराकर खाते में धनराशि हस्तांतरित कराने की मशक्कत करनी पड़ रही है।

काशी गांव में एक्सप्रेस-वे के लिए टोल प्लाजा निर्माणाधीन है। प्लाजा पर छत का कार्य चल रहा है। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से बूथ बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। फिर बूथ से संबंधित मशीनें लगाई जाएंगी। 


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