दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे : दो दिन काम बंद होने से एक्सप्रेस-वे ने नहीं पकड़ी रफ्तार, श्रमिकों के चले जाने से काम रहा सुस्त Meerut News
रविवार को एक तरफ जहां मुरादाबाद गांव में एक्सप्रेस-वे पर किसानों का धरना जारी रहा। वहीं एनएचएआई के अधिकारी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से शुरू कराने की जद्दोजहद में हैं।
मेरठ, जेएनएन। रविवार को एक तरफ जहां मुरादाबाद गांव में एक्सप्रेस-वे पर किसानों का धरना जारी रहा। वहीं एनएचएआई के अधिकारी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से शुरू कराने की जद्दोजहद में जुटे रहे। हालांकि दो दिन काम बंद होने से अभी काम पटरी पर नहीं आया है। दरअसल, काम बंद होते ही आसपास के जिलों के श्रमिक घर चले गए थे, जो अब लौट रहे हैं। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि एक-दो दिन में एक्सप्रेस-वे का काम रफ्तार पकड़ेगा। लेकिन किसानों का धरना जारी रहने से असमंजस की स्थिति भी बरकरार है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के मेरठ से डासना तक लगभग 25 प्वांइट ऐसे हैं। जहां पर काम होना है। कहीं पर पुल का निर्माण पूरा करना है तो कहीं पर मिट्टी का भराव होना है। परतापुर और भोजपुर स्थित निर्माण एजेंसी के मैटेरियल प्लांट चालू कर दिए गए हैं। परतापुर तिराहे पर एक्सप्रेस-वे की एक साइड की दीवार खड़ी करने और मिट्टी भराव का काम शुरू हुआ है। रेलवे ओवर ब्रिज के पास भी मिट्टी को समतल करने का काम किया गया। काशी टोल प्लाजा के पास एक्सप्रेस-वे के प्लांटेशन वाले हिस्से में डम्फर से मिट्टी डाली गई।
मुरादाबाद गांव में जहां किसान धरने पर बैठे हैं, वहां पर एक्सप्रेस-वे के एक तरफ के हिस्से की मिट्टी समतल करने के लिए रोलर चलाए गए। पलौता के पास निर्माणाधीन ओवर ब्रिज पर कंक्रीट का ढांचा डालने के काम में श्रमिक जुटे रहे। भोजपुर में भी एक्सप्रेस-वे के गैप को भरा जा रहा है। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार डासना के आकाश नगर में धरने पर बैठे किसानों ने भी काम न रोकने की सहमति दे दी है। जिसके बाद कुशलिया से डासना के बीच भी काम शुरू हो गया है।
एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की स्थिति
-अप्रैल 2018 में काम शुरू हुआ था, 18 महीने में काम पूरा करना था।
-अभी तक 80 फीसद काम हुआ है, लगभग 25 प्वाइंट पर काम शेष है।
-मेरठ से डासना तक के हिस्से में किसानों के मुआवजे की अड़चने हैं।
-एक्सप्रेस-वे का काम हर हाल में 31 दिसंबर 2020 तक पूरा करना है।