पत्नी के निलंबन को कोर्ट में देंगे चुनौती: अश्वनी
जिला पंचायत के वार्ड-10 से नवनिर्वाचित सदस्य अश्वनी शर्मा की पत्नी एवं ग्राम पंचायत अधिकारी।
मेरठ,जेएनएन। जिला पंचायत के वार्ड-10 से नवनिर्वाचित सदस्य अश्वनी शर्मा की पत्नी एवं ग्राम पंचायत अधिकारी कंचन शर्मा को मंगलवार देर शाम जिला प्रशासन ने निलंबित कर दिया था। उन पर पति द्वारा जिप सदस्य का चुनाव लड़ने से संबंधित जानकारी छिपाने का आरोप लगा था। अब इस मामले में अश्वनी शर्मा ने कोर्ट में जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान अश्वनी शर्मा जिला पंचायत के वार्ड नंबर 10 से प्रत्याशी थे। बीती तीन मई को मतगणना के दौरान सरधना के सेंट चार्ल्स इंटर कालेज में बनाए गए मतदान केंद्र पर हंगामा हुआ था। जिसमें अश्वनी शर्मा व उनके स्वजन पर सरकारी कार्य में बाधा डालने व बीडीओ से अभद्रता व मारपीट का आरोप लगा था। मतगणना के बाद अश्वनी शर्मा को विजेता घोषित कर दिया था। वहीं, सरधना थाने में बीडीओ सुनीत कुमार ने सरकारी काम में बाधा डालने, अभद्रता व मारपीट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।
उधर, कुछ लोगों ने अश्वनी के खिलाफ जिला प्रशासन से शिकायत की थी। जिसमें कहा गया था कि अश्वनी की पत्नी कंचन शर्मा जानी खुर्द में ग्राम पंचायत अधिकारी हैं। उन्होंने अपने पति के चुनाव लड़ने से संबंधित जानकारी को विभाग से छिपाया है। इस प्रकरण में डीएम ने जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद डीएम के निर्देश पर मंगलवार देर शाम जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक सिन्हा ने ग्राम पंचायत अधिकारी कंचन शर्मा को निलंबित कर दिया था।
बुधवार को जिप सदस्य अश्वनी शर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इसका जवाब भी दिया था। लेकिन, स्वीकार नहीं किया। बीती तीन मई को सूचना पर कंचन सेंट चार्ल्स इंटर कालेज गई थीं। लेकिन, उन्होंने नियम व कानून विरोधी कोई कार्य नहीं किया। चुनाव लड़ने की जानकारी से संबधित दस्तावेज दे रखें हैं। इस संबंध में वह कोर्ट में जाकर साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।